राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज नेटवर्क।

लखनऊ। अखिल भारतीय श्रीराम नाम जागरण मंच के तत्वावधान में नवदिवसीय श्रीराम कथा अमृत महोत्सव का आयोजन किया गया। मानव सिटी इंदिरा नगर में दीप प्रज्ज्वलित करके कथा का आरंभ हुआ। वृदांवन से पधारे कथा व्यास रोहित रिछारिया ने कथा का शुभारंभ किया। 


उन्होंने बताया कि श्रद्धा और विश्वास का मिलन ही सृष्टि की उत्पत्ति का कारण है। जहां श्रद्धा माता पार्वती के रूप में और विश्वास भगवान शिव के स्वरूप में प्रकट होते हैं। उन्होंने बताया कि राम कथा सुनने से जीवन में परिवर्तन आना सुनिश्चित है, क्योंकि राम जी के आचरण का अनुसरण स्वाभाविक रूप से शुरू हो जाता है। राम कथा सुनने का सबसे बड़ा प्रमाण यही है कि यह जीवन जीने की कला सिखाती है। राम कथा हमें सिखाती है कि हमें अपना जीवन कैसे जीना चाहिए और हमारे माता-पिता एवं परिवार के प्रति क्या कर्तव्य हैं। राम कथा के पंडाल को एक सार्वभौमिक विश्वविद्यालय कहा जा सकता है, जहां आचरण की शिक्षा दी जाती है। राम जी का आचरण हमारे जीवन में धैर्य, शील, विनय और शुभ आचरण की शिक्षा प्रदान करता है। इस मौके पर पंडित निर्मल शास़्त्री, त्रिपुरारी रावत, राजेंद्र, राजन त्रिवेदी आदि मौजूद रहे।

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