राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क 

सीतापुर: मछरेहटा, सीतापुर स्थित साई धाम मंदिर, बारे पारा में श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के तृतीय दिवश पर भक्तों का उमड़ा हुजूम था। इस अवसर पर पूज्य कथा व्यास श्री ब्रजेश शास्त्री ने हनुमान जी के दरबार में भव्य आयोजन किया और श्रोताओं को श्रीमद्भागवत की अमृतमयी कथा सुनाई।


श्री शास्त्री ने राजा परीक्षित की लीला का विस्तार से वर्णन करते हुए बताया कि राजा परीक्षित, द्वापर युग के अंतिम राजा थे। उन्होंने वन में आखेट यात्रा के दौरान धर्म और पृथ्वी से मुलाकात की और कलियुग रूपी विकट पुरुष को फटकार लगाई। रिषी के श्राप के बाद, राजा परीक्षित ने मोक्ष के लिए श्री शुकदेव जी से श्रीमद्भागवत की कथा सुनी। इस कथा के माध्यम से राजा ने 12 स्कंध और 18 हजार श्लोकों में अमृत का पान किया।

श्री शास्त्री ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण पापों का नाश करता है और मोक्ष के लिए सर्वोत्तम साधन है। राजा परीक्षित की कथा इस महाकाव्य की एक महत्वपूर्ण शुरुआत है, जो हर श्रोता को मार्गदर्शन और आशीर्वाद प्रदान करती है।

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