
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क हरदोई : हरियावां विकासखण्ड के जरेली गांव में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आई है। यहां बना स्वास्थ्य उपकेन्द्र व आयुष्मान आरोग्य मंदिर का निर्माण होने के बाद से लगातार बंद पड़ा है।
स्वास्थ्य केंद्र व आरोग्य मंदिर की हालत यह है बिल्डिंग के चारों तरफ लंबी-लंबी घास उगी है। परिसर में गोबर पड़ा है।और बिल्डिंग के आसपास काफी गंदगी और जानवर बंधे हुए हैं। बिल्डिंग के अंदर भूसा व लकड़ियां भरी हुई हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि स्वास्थ्य उपकेंद्र बने हुए लगभग 10 वर्ष हो गए स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियुक्त कर्मचारियों ने आज तक यहां आना जरूरी ही नहीं समझा।
इस उपकेंद्र में डायबिटीज समेत कई बीमारियों की जांच और इलाज की सुविधा होनी थी। लेकिन यह सब कागजों तक ही सीमित रह गया। केंद्र में ग्रामीणों को यहां तक इसकी तक जानकारी नहीं है कि यहां कोई कर्मचारी तैनात किया गया है या नहीं। स्वास्थ्य उप केंद्र जरेली संचालित ना हो पाने के कारण आसपास के गांव के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
लोगों को मजबूरी में निजी डॉक्टर या वैद्य,हकीमो व गांव से 10 किमी दूर पिहानी जाना पड़ता है। इससे उन्हें ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं। और सही इलाज भी नहीं मिल पाता। ग्रामीण रजनीश,जगन्नाथ,रामबाबू,अनुज,सलोने,रामनरेश,कुलदीप,रामकिशोर,कपिल जैसे सैकड़ो ग्रामीणों ने इस समस्या को लेकर चिंता जताई है। लेकिन स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस पर कोई सुध तक नहीं ले रहे हैं।
गांव के निवासी किसान नेता कपिल मौर्या ने बताया कि उन्होंने कई बार लिखित और मौखिक शिकायत भी की हैं। लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है स्वास्थ्य विभाग बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का दावा करता है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। ऐसे में समस्या का निदान अगर नहीं होता है। तो किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष अरविंद मौर्य ने स्वास्थ्य विभाग को खुला चुनौती देते हुए उप स्वास्थ्य केंद्र हरियावाँ में धरना देने की बात कही है। अब देखना यह होगा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी इस पर क्या एक्शन लेते हैं।