
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क। लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष बहस शुरू हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में उद्घाटन भाषण दिया और पाकिस्तान को चेतावनी दी कि अगर उसने कोई दुस्साहस किया तो हमले फिर से शुरू हो जाएँगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहस के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा दिए गए भाषणों की सराहना की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सिंह ने “भारत के सुरक्षा तंत्र की सफलता और हमारे सशस्त्र बलों के साहस पर एक गहन दृष्टिकोण” प्रस्तुत किया।प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर जयशंकर के भाषण को भी साझा किया और इसे “उत्कृष्ट” बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे दुनिया ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से आतंकवाद के खतरे से लड़ने के भारत के दृष्टिकोण को स्पष्ट रूप से सुना है।”इसके अलावा पीएस मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का उत्कृष्ट भाषण, जिसमें भारत के सुरक्षा तंत्र की सफलता और ऑपरेशन सिंदूर में हमारे सशस्त्र बलों के साहस पर एक सटीक जानकारी दी गई।’’रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर को तीनों सेनाओं के समन्वय का बेमिसाल उदाहरण बताते हुए कहा कि यह कहना ‘‘गलत और निराधार’’ है कि इस अभियान को किसी दबाव में आकर रोका गया था। साथ ही उन्होंने पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि यदि उसकी कुछ ‘गलतफहमी’ बची रह गयी है तो उसे भी दूर कर दिया जाएगा। वहीं जयशंकर ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमेरिका से बातचीत में किसी भी स्तर पर व्यापार के विषय का कोई लेनादेना नहीं था और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच 22 अप्रैल से 17 जून तक कोई बातचीत नहीं हुई। ऑपरेशन सिंदूर विषय पर लोकसभा में चर्चा में भाग लेते हुए जयशंकर ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि इस दौरान अमेरिका से बातचीत में व्यापार से जुड़ा कोई मुद्दा नहीं आया।
ऑपरेशन महादेव
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान के पास हरवान इलाके में ‘ऑपरेशन महादेव’ नामक एक आतंकवाद-रोधी अभियान में तीन आतंकवादी मारे गए हैं। सूत्रों के अनुसार, इस अभियान के दौरान मारे गए आतंकवादियों में पहलगाम आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड सुलेमान शाह भी शामिल है। भारतीय सेना की चिनार कोर ने बताया कि यह अभियान लिडवास के सामान्य क्षेत्र में भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा चलाया गया।