नवी मुंबई
भारतीय महिला टीम दक्षिण अफ्रीका को फाइनल में हराकर अपना पहला विश्व कप खिताब जीतने में सफल रही है। इस जीत के बाद कप्तान हरमनप्रीत कौर ने बताया है कि किस तरह इंग्लैंड के खिलाफ मिली हार से टीम के लिए चीजें रातों-रात बदल गईं और उन्होंने वापसी करते हुए खिताब जीता। भारत एक समय सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहा था और लगातार तीन हार के बाद टीम ने गियर बदला और जीत की पटरी पर लौटते हुए इतिहास रच दिया।

लगातार तीन हार से लगा था झटका
भारत ने इस टूर्नामेंट में अपने अभियान की शुरुआत श्रीलंका और पाकिस्तान को हराकर की थी। लेकिन इसके बाद उसके लिए चीजें मुश्किल हो गईं और टीम को दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से लगातार तीन हार का सामना करना पड़ा। इंग्लैंड के खिलाफ तो टीम बेहद अच्छी स्थिति में थी और उसने तीन विकेट पर 234 रन बनाए थे। लेकिन भारतीय पारी लड़खड़ा गई और 289 रनों का लक्ष्य हासिल नहीं कर सकी थी। ये हार टीम के लिए शर्मनाक थी और मुख्य कोच अमोल मजूमदार भी टीम के इस प्रदर्शन से नाखुश थे। उन्होंने टीम क आईना दिखाया। इतना ही सोशल मीडिया पर भी भारतीय टीम की काफी आलोचना हुई थी।

हरमनप्रीत ने खिताबी जीत के बाद कहा, जब चीजें हमारे लिए अच्छी नहीं चल रही थीं तो एक भी खिलाड़ी ने यह नहीं कहा कि अब आगे क्या होगा, विशेषकर इंग्लैंड के खिलाफ मिली हार के बाद। उस एक रात ने हमारे लिए चीजें बदल कर रख दीं। हमने सोचा कि हमें मजबूत मानसिकता के साथ वापसी करनी होगी और सभी को और अतिरिक्त प्रयास करने होंगे।
टीम की आलोचना पर क्या बोलीं कप्तान?
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने आलोचनाओं का सामना किस तरह किया? इस पर हरमनप्रीत ने कहा, आलोचना हमारे जीवन का हिस्सा है क्योंकि यह संतुलन भी लाता है। मैं उन लोगों को दोष नहीं देती जो हमारी आलोचना करते हैं और मुझे इस बारे में इससे आगे कुछ नहीं कहना है। मेरे लिए टीम के अंदर संतुलन रखना ज्यादा मायने रखता है।

हरमनप्रीत ने कोच अमोल मजूमदार की इस भावना को दोहराया जिसमें उन्होंने कहा कि टीम के भीतर जोश बना रहना चाहिए और बाहर क्या चल रहा है उसकी परवाह नहीं करनी चाहिए। कुछ कुछ वर्षों में हरमनप्रीत और उपकप्तान स्मृति मंधाना को निराशा झेलनी पड़ी थी, लेकिन कप्तान ने कहा कि वे एक और खराब दिन का अनुभव नहीं करना चाहती थीं।
फाइनल का वेन्यू जानकर खुश हो गई थीं हरमनप्रीत
हरमनप्रीत ने कहा, मैंने मंधाना के साथ कई विश्व कप खेले हैं। हमें घर पर हार भी मिली और हम इस तिलिस्म को नहीं तोड़ पा रहे थे। जब हमें पता चला कि फाइनल डीवाई पाटिल में है तो हमने जश्न मनाना शुरू कर दिया और ये फैसला लिया कि अब इसे (ट्रॉफी) नहीं छोड़ेंगे। हमने कहा कि हम घर पर हैं और हमारा विश्व कप का अभियान अब शुरू होता है।

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