A grand cultural and educational program was organized in Sarnath on Buddha Purnima

राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क लखनऊ : बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर सोमवार को केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान (CIHTS), सारनाथ में एक भव्य सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति विभाग तथा केन्द्रीय उच्च तिब्बी शिक्षा संस्थान, सारनाथ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य भगवान बुद्ध के जन्म, बोधि प्राप्ति और महापरिनिर्वाण की पुण्य-स्मृति को श्रद्धा और गरिमा के साथ स्मरण करना है।

इस विशेष अवसर पर प्रतिष्ठित शोध-पत्रिका ‘धीः’ के 65वें अंक को भगवान बुद्ध को समर्पित करते हुए औपचारिक रूप से लोकार्पित किया जाएगा।

कार्यक्रम की शुरुआत शाम 5 बजे दीप प्रज्वलन से होगी, जिसमें मंच पर विराजमान अतिथिगण दीप प्रज्वलित करेंगे। इसके उपरांत भिक्षु संघ द्वारा पवित्र सूत्रों का पाठ किया जाएगा। संस्थान के कुलसचिव द्वारा स्वागत भाषण प्रस्तुत किया जाएगा, जबकि शोध-पत्रिका के नवीनतम अंक का परिचय संस्थान के विभागाध्यक्ष प्रो. टी. आर. शाशनी द्वारा दिया जाएगा। तत्पश्चात कुलपति महोदय द्वारा ‘धीः’ के 65वें अंक को बुद्धार्पित किया जाएगा।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में वाराणसी के आयुक्त एस. राजलिंगम कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे। विशिष्ट अतिथियों में सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा एवं प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल शामिल होंगे।

कार्यक्रम में देशभर के ख्यातिनाम विद्वान शैक्षणिक व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे। प्रमुख वक्ताओं में नव नालंदा महाविहार, बिहार के पूर्व कुलपति प्रो. राम नक्षत्र प्रसाद, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के संकायाध्यक्ष प्रो. रमेश प्रसाद तथा नव नालंदा महाविहार से डॉ. प्रदीप कुमार दास शामिल हैं।

यह आयोजन भगवान बुद्ध की प्रथम धर्मचक्र प्रवर्तन स्थली सारनाथ में एक अद्वितीय बौद्धिक और आध्यात्मिक संगम प्रस्तुत करेगा, जिसमें विद्वान, छात्र एवं श्रद्धालु बड़ी संख्या में सहभागी बनेंगे।

इससे पूर्व उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, “सारनाथ वह पुण्यभूमि है, जहाँ भगवान बुद्ध ने शांति और करुणा का अपना प्रथम उपदेश दिया। उत्तर प्रदेश, विशेष रूप से बुद्ध परिपथ, न केवल देशभर से बल्कि विश्वभर से आने वाले बौद्ध श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों का प्रमुख आकर्षण केंद्र बना हुआ है।”

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