• May 26, 2024
  • kamalkumar
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 एक जीवात्मा विविध परिवेष 

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एकमेव आश्रय परमेश्वर 

जग में दर्शनीय जगदीश्वर

शेष नाते असत्य व्यवहार हेतु

 आचरण सत्य नारायण सेतु

द्वैत में सत्यमेव समरूपता

एकमात्र गोविंद से ही प्रियता

सर्वत्र परमात्मा , किससे द्वेष 

एक जीवात्मा विविध परिवेष

जग रंग मंच पर अभिनय 

शास्त्र आज्ञा पालन अमृतमय 

तन से उद्यम करना कर्तव्य

अनुचित परिणाम से ममत्व

तन – मन से परिश्रम करना

प्रतिफल से प्रमुदित रहना 

उपलब्ध ईश प्रसाद में संतोष

विषम गरल पीते आशुतोष

आराध्य सिखता पाठ आचरण 

जीवन का आभूषण सदाचरण

धन – संपदा एक साधन मात्र 

जीवन कला समझता सुपात्र 

सदा रक्षक गोविन्द भगवान

जीवन में भय -चिंता का न स्थान 

सत्य निष्ठा से आराधना करना

जग व्यवहार में प्रियता भरना

कृष्ण दयाल शर्मा

9756589980

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