पवित्र नगरी अयोध्या श्रीराम के आगमन के लिए तैयार है। 22 जनवरी को अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। रामलला के प्राण प्रतिष्ठाअनुष्ठान का आज पांचवा दिन है।


रामलला की स्वर्ण चरण पादुका काशी से अयोध्या रवाना

अयोध्या के श्रीराम मंदिर में प्रतिष्ठित करने के लिए काशी में तैयार की गई भगवान श्रीराम की स्वर्ण चरण पादुका शनिवार को अयोध्या ले जाई गई। स्वर्ण चरण पादुका लेकर काशी से प्रस्थान करने से पूर्व अन्नपूर्णा मंदिर के महंत गोस्वामी शंकर पुरी महाराज ने दोनों हाथों में स्वर्ण चरण पादुका उठाई और उसे हृदय से लगाकर देवी अन्नपूर्णा के गर्भगृह की पांच परिक्रमा की।


इससे पूर्व उन्होंने गर्भगृह में लाल रंग की चुनरी पर स्वर्ण चरण पादुका को रख कर मां अन्नपूर्णा से अयोध्या प्रस्थान करने की आज्ञा मांगी। पांच वैदिक ब्राह्मणों ने स्वर्ण चरण पादुका का पूजन विधि विधान से पूजन कराया। इसके बाद पादुका को हाथों में लेकर महंत शंकर पुरी मंदिर से बाहर निकले। द्वार पर प्रतीक्षा में खड़े भक्तों ने जय श्रीराम के घोष के साथ उनका स्वागत किया। हाथों में केसरिया पताका लिए खड़े भक्तों में शीशी के शोकेस में रखी स्वर्ण चरण पादुका को प्रणाम करने की होड़ सी मच गई।  

फूलों से सजा राम मंदिर
अयोध्या में राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह से पहले मंदिर को फूलों से सजाया जा रहा है।

जर्मनी से श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे
22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले जर्मनी से श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे। इस्कॉन के राष्ट्रीय प्रचारक, युधिष्ठिर गोविंद दास ने कहा, ‘यह एक ऐतिहासिक क्षण है। दुनिया भर के हिंदू भक्त 500 वर्षों से इसका इंतजार कर रहे थे। अयोध्या का पूरी तरह से पुनर्निर्माण किया गया है। इस्कॉन भी 22 जनवरी को दुनिया भर में अपने मंदिरों में एक कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। हम उस दिन राम कथा और भंडारा का आयोजन करेंगे।’

अयोध्या में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर अयोध्या जोन के आईजी प्रवीण कुमार ने कहा, ‘हम पूरी तैयारी कर रहे हैं, रिहर्सल भी की जा रही है। हम सभी एजेंसियों के साथ समन्वय कर रहे हैं। ड्रोन के जरिए भी निगरानी की जा रही है। मेहमानों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। हमने सभी लोगों से 23 जनवरी के बाद दर्शन के लिए आने की अपील की है।’

गर्भगृह को 81 कलशों के जल से पवित्र किया जाएगा
आज राम मंदिर के गर्भगृह को 81 कलशों के जल से ‘जिन्हें अलग-अलग नदियों के जल से इकट्ठा किया गया है’ उनसे पवित्र किया जाएगा।

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