
प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क लखीमपुर खीरी : पैगंबर हज़रत मोहम्मद साहब की पैदाइश के मुबारक मौके पर मनाया जाने वाला पर्व ईद मीलादुन्नबी (बारावफात) को लेकर मुस्लिम समाज में भारी उत्साह देखने को मिला। इस अवसर पर शुक्रवार को धौरहरा और ईसानगर कस्बों में धार्मिक आस्था और भाईचारे का अद्भुत नज़ारा देखने को मिला। सुबह से ही सरोजिनी नगर समेत कई इलाकों में मुस्लिम समुदाय के लोग पारंपरिक परिधान में एकत्र हुए और “ये मोहम्मदी जुलूस” धूमधाम के साथ निकाला गया। बैंड-बाजों और धार्मिक गीतों के साथ जुलूस में शामिल लोग पैगंबर की शान में नाते-पाक (कशीदे) पढ़ते और झूमते नजर आए। जुलूस नगर के विभिन्न मार्गों से होकर गुजरा और अंततः साप्ताहिक बाजार बाग में एक सभा के रूप में परिवर्तित हो गया।
ईसानगर कस्बे से शुरू हुआ जुलूस सिसैया चौराहे होते हुए प्रमुख बाजारों से होकर गुजरा। इस दौरान मार्गों को धार्मिक झंडियों व रोशनी से सजाया गया था। जगह-जगह लोगों ने पानी व sharbat की सबील लगाकर सेवा का परिचय दिया।
सभा में वक्ताओं ने पैगंबर मोहम्मद साहब के जीवन, शिक्षाओं और उनके द्वारा दिए गए अमन और इंसानियत के पैगाम पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस्लाम धर्म शांति, सद्भाव और भलाई का संदेश देता है। सुरक्षा व्यवस्था रही चाक-चौबंद
बारावफात के मौके पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा। धौरहरा थाना प्रभारी निरीक्षक शिवाजी खमरिया थाना प्रभारी ओ.पी. राय और ईसानगर थाना प्रभारी निर्मल तिवारी के नेतृत्व में भारी संख्या में पुलिस बल सिसैया चौराहे पर तैनात रहा। संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी गई थी, ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पूरे
आयोजन के दौरान हिन्दू समुदाय के लोगों ने भी सहयोग का हाथ बढ़ाया, जिससे नगर में गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल देखने को मिली।