राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क । मानसून के मौसम में यह आम धारणा है कि ठंडा खाना खाने से सर्दी-जुकाम या गले में खराश हो सकती है। लेकिन सच्चाई यह है कि इन समस्याओं का कारण ठंडा खाना नहीं, बल्कि वायरस और बैक्टीरिया होते हैं। ठंडा खाना खाने से बीमार होने की धारणा सिर्फ एक मिथक है। असली सावधानी साफ-सफाई और ताजगी को लेकर रखनी चाहिए, खाने के तापमान को लेकर नहीं।
सर्दी-जुकाम का असली कारण
सर्दी-जुकाम वायरल इन्फेक्शन की वजह से होता है, न कि ठंडा खाना खाने से। मानसून में नमी के कारण वायरस और बैक्टीरिया ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं, जिससे इम्यूनिटी कमजोर पड़ सकती है। अगर खाना साफ-सुथरा और सुरक्षित तरीके से बनाया गया है तो वह ठंडा हो या गर्म बीमार नहीं करता।
क्या करना चाहिए?
ठंडा खाना खाने से परहेज करने की कोई वैज्ञानिक वजह नहीं है। बस यह ध्यान रखें कि वह खाना बासी न हो, दूषित न हो और स्वच्छता के नियमों का पालन किया गया हो। घर का बना, ताजा और साफ ठंडा खाना पूरी तरह सुरक्षित है।
मानसून में सेहतमंद रहने के टिप्सः
-हाथ धोने की आदत बनाएं, खासकर खाने से पहले।
-घर के आसपास पानी जमा न होने दें दृ मच्छर पनप सकते हैं।
-नमी से बचाव के लिए कपड़े और बिस्तर सूखे रखें।
-उबला या फिल्टर किया हुआ पानी ही पिएं।
-सड़क किनारे मिलने वाले जूस या खुली चीजों से परहेज करें।
-मानसून में पाचन क्षमता कमजोर हो जाती है, इसलिए हल्का और सुपाच्य भोजन करें।
-बारिश के मौसम में फल-सब्जियों पर कीटाणु ज्यादा हो सकते हैं।
-पत्तेदार सब्जियों से सावधानी बरतें क्योंकि उनमें गंदगी और कीड़े होने की संभावना अधिक होती है।

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