राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क
बिहार विधानसभा चुनाव के बीच लालू परिवार के लिए मुश्किलें फिर बढ़ी हैं. एक ओर चुनाव प्रचार की दौड़, दूसरी ओर अदालत में हर दिन की सुनवाई. यादव परिवार ने अदालत से कहा है, “न्याय में देरी नहीं, लेकिन चुनाव तैयारी का वक्त तो मिलना चाहिए.दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में चल रहे बहुचर्चित IRCTC घोटाला मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बेटे तेजस्वी यादव ने रोजाना चल रही सुनवाई पर आपत्ति जताई है. उन्होंने अदालत से निवेदन किया है कि चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें राहत दी जाए और ट्रायल की प्रक्रिया कुछ हफ्तों के लिए स्थगित की जाए.
चुनाव प्रचार के बीच कानूनी दबाव
लालू परिवार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने अदालत में कहा कि फिलहाल पूरा परिवार चुनाव प्रचार में व्यस्त है. बिहार विधानसभा चुनाव का माहौल गरम है, ऐसे में रोजाना अदालत में उपस्थित रहना या केस की तैयारी करना बेहद कठिन हो गया है. उन्होंने अदालत से चार हफ्तों की मोहलत की मांग की है ताकि दस्तावेजों का अध्ययन और बचाव की तैयारी ठीक से की जा सके.
मनिंदर सिंह ने अदालत को बताया कि सीबीआई ने इस मामले में करीब 18 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है, जबकि अदालत का आदेश ही 250 पन्नों का है. ऐसे में इतने विशाल दस्तावेजों का अध्ययन और बचाव तैयार करने के लिए पर्याप्त समय जरूरी है.
चार मामलों की दलील
मनिंदर सिंह ने यह भी बताया कि लालू यादव और उनके परिवार पर पहले से ही चार अलग-अलग आपराधिक मामलों में रोजाना सुनवाई का आदेश जारी है. ऐसे में एक ही टीम के लिए सभी मामलों की कानूनी तैयारी एक साथ करना बेहद चुनौतीपूर्ण है. उन्होंने कहा कि न्याय की प्रक्रिया में जल्दबाजी से बचाव पक्ष को नुकसान होगा.
सीबीआई ने लालू परिवार की इस मांग का कड़ा विरोध किया. एजेंसी की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही सांसदों और विधायकों से जुड़े मामलों में तेजी से ट्रायल चलाने का निर्देश दे चुका है. इसलिए इस मामले में देरी करना न्यायिक प्रक्रिया के खिलाफ होगा.
सीबीआई ने दलील दी कि इस केस में पहले ही कई बार समय लिया जा चुका है, अब सुनवाई में और विलंब उचित नहीं है. अदालत ने सीबीआई से कहा है कि वह लालू परिवार की अर्जी पर जल्द जवाब दाखिल करे.
क्या है IRCTC घोटाला मामला
यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे. सीबीआई के मुताबिक, इस दौरान रांची और पुरी के दो IRCTC होटलों को निजी कंपनी सुजाता होटल्स को गलत तरीके से लीज पर दिया गया था. बदले में लालू परिवार को मूल्यवान जमीन और शेयर सस्ते दामों पर हस्तांतरित किए गए.
सीबीआई ने कहा कि यह सौदा सत्ता के दुरुपयोग और वित्तीय अनियमितताओं का स्पष्ट उदाहरण है. जबकि लालू परिवार ने इन आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया है. उनका कहना है कि चुनाव से ठीक पहले इस केस को तेजी से चलाने का उद्देश्य राजनीतिक दबाव बनाना है.
13 अक्टूबर को अदालत ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर धोखाधड़ी, साजिश और भ्रष्टाचार के आरोप तय किए थे. अब अदालत को यह तय करना है कि क्या रोजाना ट्रायल जारी रहेगा या बचाव पक्ष को राहत दी जाएगी.
राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित है IRCTC घोटाला?
चुनाव के इस अहम दौर में इस केस का कानूनी मोर्चा लालू परिवार के लिए राजनीतिक चुनौती भी बन गया है. तेजस्वी यादव बिहार में महागठबंधन का चेहरा हैं और लगातार जनसभाओं में व्यस्त हैं. ऐसे में रोजाना कोर्ट ट्रायल का दबाव उनकी राजनीतिक रणनीति पर असर डाल सकता है.
राजद ने कहा है कि यह मामला राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित है. पार्टी नेताओं का तर्क है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने सांसदों के मामलों में ‘तेजी से ट्रायल’ की बात कही थी, तो उसका मतलब ‘चुनावी हस्तक्षेप’ नहीं था.
अगली सुनवाई पर टिकी निगाहें
अब सबकी निगाहें राउज एवेन्यू कोर्ट की अगली तारीख पर टिकी हैं. अदालत सीबीआई के जवाब के बाद फैसला करेगी कि लालू परिवार को कुछ राहत दी जाए या रोजाना ट्रायल जारी रहेगा.
































































































































