राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क। भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र आज यानी की 01 जुलाई को अपना 84वां जन्मदिन मना रहे हैं। राजस्थान से पहले वह हिमाचल प्रदेश के भी राज्यपाल रह चुके हैं। वहीं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ने के बाद कलराज मिश्र आरएसएस के पूर्णकालिक प्रचारक बने। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर कलराज मिश्र के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में…गाजीपुर के मलिकपुर में 01 जुलाई 1941 को कलराज मिश्र का जन्म हुआ था। वह पहले आरएसएस से जुड़े और फिर वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनें।
राजनीतिक सफर
बाबरी मस्जिद के खिलाफ अयोध्या आंदोलन के श्रेय के हकदार कलराज मिश्र भी थे। जिस दौरान यह आंदोलन हुआ था, उस समय कलराज मिश्र प्रदेश के अध्यक्ष और विधायक थे। साल 1991 के विधानसभा चुनाव से पहले और बाबरी ढांचे के खिलाफ आंदोलन के दौरान कई कार्यकर्ताओं की जान गई थी। तब कलराज मिश्र ने पूरे विश्वास के साथ कहा था कि इस विधानसभा चुनाव में उनको बहुमत मिलेगा और वह अपने दम पर सरकार बनाएंगे।जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने बहुमत से सरकार बनाई और साल 1991 में कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और एक साल बाद विवादित बाबरी ढांचा गिराया गया। कलराज मिश्र ऐसे पहले व्यक्ति थे, जो परिस्थितियां विपरीत होने के बाद भी लगातार कहते रहे कि वह ही सरकार बनाएंगे और ऐसा करके भी दिखाया। हालांकि कलराज मिश्र को पार्टी की उन्नति का श्रेय उतना नहीं मिला, जितने के वह हकदार थे।केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद राज्यपाल बनने तक कलराज मिश्र को काफी इंतजार करना पड़ा। लेकिन वह राजनैतिक दूरदर्शी जरूर हैं। मोदी सरकार में कलराज मिश्र के पास लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्मम मंत्रालय था। उस दौरान पूर्वांचल यूपी में उन्होंने अपने मंत्रालय के जरिए काफी योजनाएं बनाईं और आर्थिक क्रांति लाने की कोशिश की। पूर्वांचल में आर्थिक करवट लाने का योगदान कलराज मिश्र को ही जाता है।कलराज मिश्र अटल बिहारी बाजपेयी के करीबी रहे और वह उत्तर प्रदेश में बीजेपी का ब्राह्मण चेहरा रहे। लेकिन सरकार ने कलराज मिश्र के बारे में थोड़ा कम या फिर थोड़ा देर से सोचा। जब कलराज मिश्र को राजस्थान में राज्यपाल का पद मिला, तब ऐसा लगा जैसे पार्टी ने दिग्गज नेता के साथ इंसाफ किया है। कलराज मिश्र ने बेदाग छवि के साथ लंबी राजनीतिक पारी खेली है।

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