
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज नेटवर्क। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरु की टीम ने आईपीएल के फाइनल में जीत हासिल की थी जिसके बाद जश्न मनाने के दौरान बेंगलुरू में भगदड़ मच गई थी। इस घटना के बाद कर्नाटक सरकार को कई आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। आलोचनाओं के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी बयान दिया है।मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि आरसीबी के समारोह में वो सिर्फ इसलिए गए थे क्योंकि उन्हें आमंत्रित किया गया था। उन्हें यह भी बताया गया था कि राज्यपाल भी समारोह में आएंगे। एनडीटीवी की रिपोर्ट की मानें तो कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि केएससीए यानी कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ के सचिव व कोषाध्यक्ष को भी निमंत्रण देखकर बुलाया गया था।मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने संवाददाताओं को बताया कि केएससीए (कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ) के सचिव और कोषाध्यक्ष ने आकर मुझे कार्यक्रम में आने का निमंत्रण दिया था। इस समारोह का आयोजन कर्नाटक सरकार की ओर से नहीं हुआ है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में राज्यपाल आ रहे है ये भी बताया गया था। मैं सिर्फ वहां पहुंचा था। रिपोर्ट की मानें तो इस जश्न में बड़ी संख्या में वीआईपी की मौजूदगी हो गई थी, जिस कारण पुलिस बल की कमी झेलने पड़ी थी। इस जश्न के लिए 1500 पुलिसकर्मियों की संख्या कम मानी गई थी। विपक्ष के नेताओं ने पुलिस की कमी को इस भगदड़ के मुख्य कारणों में से एक बताया था। कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने मांग की कि सरकार भगदड़ पर चर्चा के लिए तीन दिनों के लिए राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई। विपक्ष ने कहा कि लोग जवाब चाहते हैं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के इस्तीफे की मांग दोहरा रहे भाजपा नेता ने यह भी घोषणा की कि उनकी पार्टी के सभी विधायक जरूरतमंद मृतकों के परिजनों को एक महीने का वेतन देंगे। साथ ही उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि यदि वह दिवालिया नहीं है तो उसे मुआवजा राशि बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर देनी चाहिए।यह भगदड़ 4 जून की शाम को चिन्नास्वामी स्टेडियम के सामने हुई, जहां बड़ी संख्या में लोग आरसीबी टीम की आईपीएल जीत के जश्न में शामिल होने के लिए उमड़े थे। इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गई और 56 लोग घायल हो गए।