
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क। पहलगाम हमले पर एक मीडिया संस्थान को दिए गए साक्षात्कार में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम की टिप्पणी ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। गौरतलब है कि चिदंबरम ने कथित तौर पर कहा था कि 22 अप्रैल के हमले में शामिल आतंकवादी ‘देशी’ हो सकते हैं और इस बात का कोई सबूत नहीं है कि वे पाकिस्तान से आए थे। कांग्रेस नेता की टिप्पणी से नाराज़ भाजपा ने कहा कि उन्होंने अपनी टिप्पणी से एक बार फिर पाकिस्तान को ‘क्लीन चिट’ दे दी है। भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर कोई अस्पष्टता नहीं होनी चाहिए, लेकिन कांग्रेस हमेशा भारत के दुश्मनों की ‘रक्षा’ करती है।मालवीय ने अपने एक्स अकाउंट पर चिदंबरम के उस इंटरव्यू की एक क्लिप भी पोस्ट की, जिसमें उन्होंने उपरोक्त टिप्पणी की थी। यूपीए काल के पूर्व गृह मंत्री और कुख्यात भगवा आतंकवाद सिद्धांत के मूल प्रवर्तक पी. चिदंबरम एक बार फिर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने लिखा कि क्या उन्होंने (एनआईए) आतंकवादियों की पहचान की है या वे कहाँ से आए हैं? जहाँ तक हम जानते हैं, वे स्थानीय आतंकवादी हो सकते हैं। आप यह क्यों मान लेते हैं कि वे पाकिस्तान से आए थे? इसका कोई सबूत नहीं है। एक बार फिर, कांग्रेस पाकिस्तान को क्लीन चिट देने के लिए दौड़ पड़ी है – इस बार पहलगाम आतंकी हमले के बाद। ऐसा क्यों है कि जब भी हमारी सेनाएँ पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का सामना करती हैं, तो कांग्रेस के नेता भारत के विपक्ष की बजाय इस्लामाबाद के बचाव पक्ष के वकील ज़्यादा लगते हैं? जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आती है, तो कोई अस्पष्टता नहीं होनी चाहिए। लेकिन कांग्रेस के साथ ऐसा कभी नहीं होता – वे हमेशा दुश्मन की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। प्रतिक्रिया देते हुए चिदंबरम ने एक पोस्ट साझा किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि उनके साक्षात्कार का आंशिक रूप से हवाला देकर गलत सूचना फैलाई गई। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, ट्रोल कई तरह के होते हैं और गलत सूचना फैलाने के लिए अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। सबसे बुरा ट्रोल वह होता है जो पूरे रिकॉर्ड किए गए साक्षात्कार को दबा देता है, दो वाक्यों को हटा देता है, कुछ शब्दों को म्यूट कर देता है और वक्ता को बदनाम कर देता है! लोकसभा में पाकिस्तान और पीओके में आतंकी संगठनों के खिलाफ भारत की सैन्य कार्रवाई, ऑपरेशन सिंदूर, पर तीखी बहस होने वाली है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष रखेंगे।