राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क। 21वीं सदी में किसी भी भारतीय की अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत उसके अंत से हो रही है। भारत के गगनयात्री, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, अंतरिक्ष में लगभग तीन हफ़्ते बिताने के बाद, पृथ्वी पर वापस आने के लिए अपनी एक दिन की यात्रा के लिए अपना सामान पैक कर रहे हैं। भारत की अंतरिक्ष यात्रा का पहला चरण एक्सिओम-4 मिशन के साथ समाप्त हो रहा है, जिसे मिशन आकाश गंगा भी कहा जाता है, लेकिन यह आसान हिस्सा था। अब, जब अंतरिक्ष यात्री शुक्ला वापस लौटेंगे, तो मुश्किल हिस्सा तब शुरू होगा जब वे अपने अनुभवों को भारत के अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, गगनयान में लागू करेंगे। भारत ने पूरे गगनयान कार्यक्रम के लिए लगभग 33,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिससे 2040 तक एक भारतीय को चंद्रमा पर उतारने का लक्ष्य रखा गया है। इस यात्रा का नेतृत्व करने वाली ह्यूस्टन स्थित निजी कंपनी, एक्सिओम स्पेस ने घोषणा की है कि अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 18 घटनापूर्ण दिन बिताने के बाद, एक्सिओम मिशन 4 (एक्स-4) का चालक दल अपनी घर वापसी की यात्रा की तैयारी कर रहा है। शुक्ला ने भारत के प्रथम अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के 1984 में कहे शब्दों को दोहराते हुए कहा, ‘आज भी भारत ऊपर से सारे जहां से अच्छा दिखता है।’ शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर ‘एक्सिओम-4’ मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों के लिए आयोजित विदाई समारोह में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा, आईएसएस आना जादुई सा लगता है यह मेरे लिए एक शानदार यात्रा रही। मैं अपने साथ बहुत सारी यादें और सीख लेकर जा रहा हूं। इन्हें मैं अपने देशवासियों से साझा करूंगा। आईएसएस पर 18 दिन के वैज्ञानिक प्रयोगों के बाद शुक्ला और ‘एक्सिओम-4’ मिशन के तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों की विदाई का समय आ गया है और वे सोमवार को पृथ्वी के लिए अपनी वापसी यात्रा शुरू करेंगे। शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री-कमांडर पैगी व्हिटसन, पोलैंड एवं हंगरी के मिशन विशेषज्ञ स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की और टिबोर कापू, ‘एक्सिओम-4 मिशन’ के तहत 26 जून को अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *