
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क लखनऊ : अयोध्या और दक्षिण कोरिया के ऐतिहासिक व सांस्कृतिक संबंधों को और प्रगाढ़ करने के लिए गारक राजवंश के प्रतिनिधियों सहित 80 सदस्यीय शिष्टमंडल 13 मार्च को अयोध्या पहुंचा। दल ने क्वीन हो मेमोरियल पार्क में अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कई धार्मिक व सांस्कृतिक स्थलों का भ्रमण किया।
2,000 वर्षों पुराना ऐतिहासिक संबंध
दक्षिण कोरिया की प्राचीन किंवदंतियों के अनुसार, लगभग 2,000 वर्ष पूर्व अयोध्या की राजकुमारी सुरीरत्ना का विवाह कोरिया के राजा किम सुरो से हुआ था। विवाह के बाद उन्हें रानी हियो ह्वांग-ओक के नाम से जाना गया, जो गारक राजवंश की संस्थापक बनीं। दक्षिण कोरिया के लोग अयोध्या को अपना ननिहाल मानते हैं और हर वर्ष यहां श्रद्धांजलि देने आते हैं।
शिष्टमंडल का भारत दौरा
- 11 मार्च: दक्षिण कोरियाई दल दिल्ली पहुंचा।
- 12 मार्च: वाराणसी की यात्रा।
- 13 मार्च: अयोध्या में राम मंदिर, क्वीन हो मेमोरियल पार्क और अन्य स्थलों का भ्रमण।
- सरयू आरती व सांस्कृतिक कार्यक्रम में भागीदारी।
- आगरा भ्रमण के बाद 5 दिवसीय यात्रा का समापन दिल्ली में हुआ।
भारत-कोरिया संबंधों को नई ऊंचाई
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कोरियाई राजवंश के सदस्यों की अयोध्या के प्रति आत्मीयता को सराहा और कहा कि उत्तर प्रदेश के बौद्ध स्थलों में कोरियाई पर्यटक विशेष रुचि रखते हैं। इस यात्रा से दोनों देशों के सांस्कृतिक और पर्यटन संबंधों को और मजबूती मिलेगी।