राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज नेटवर्क।
लखनऊ। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि बीसी सखी योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ ही महिलाओं को रोजगार दे रही हैं। ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले बैंक उपभोक्ताओं को इस योजना से काफी फायदा हो रहा है।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि बीसी सखी से प्रदेश की महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं। बीसी सखी कार्यक्रम देश में पहली बार बैंकों के अलावा किसी सरकारी विभाग (ग्राम्य विकास विभाग) द्वारा ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत चलाया जा रहा है। ग्रामीण परिदृश्य में वित्तीय समावेशन, गरीबों, कमजोर व बुजुर्गों-समाज के अन्तिम व्यक्ति तक बैंकिंग सेवाओं की पहुंच बढ़ाई गयी है। ग्रामीण महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने और ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं को घर घर पहुंचाने के लिए बीसी सखी बनाई गई। बीसी सखी के माध्यम से सब्सिडी , पेंशन, मजदूरी का भुगतान, बैंक खातों में जमा, निकासी, नए खाता खोलने आदि जैसी सुविधाएं गांवो तक पहुंचाई जा रही है। बीसी सखी द्वारा जन-धन सेवाऐ देने के साथ साथ बैंक खाते से घर- घर जाकर जमा व निकासी करवाना व स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों की सेवाएं प्रदान करना है। इसी कड़ी में महिला सशक्तीकरण हेतु गांव-गांव तक बैकिंग सेवाओं को पहुंचाने के लिये बी सी सखी (बैकिंग कॉरेस्पोंडेंट) बनाने का काम किया गया है, ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को अपने बैंक खातों से धनराशि निकालने और उसमें पैसा जमा करने में बड़ी आसानी हुई हैं ।उनका बैंक शाखाओं तक जाने का समय व खर्चा बच रहा है और घर के करीब ही बैंक के रूप में बीसी सखी मिल जा रही है। बी सी सखी से ग्रामीणों को उनके घरों पर ही बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने का विकल्प मिला है। इस योजना से ग्राम पंचायतों में महिलाओं को रोजगार मिला है।बीसी सखी बनाने के लिए पूर्व सैनिकों, पूर्व शिक्षकों, पूर्व बैंक कर्मियों और महिलाओं को प्राथमिकता दी गई है। । अभ्यर्थी को कम्प्यूटर चलाना भी आना चाहिए, उस पर कोई वाद या पुलिस केस नहीं होना चाहिए। ऐसे अभ्यर्थी के चयन से पहले एक छोटी सी परीक्षा भी ली जाती है। इसमें उत्तीर्ण होेने वाली अभ्यर्थी बीसी सखी बन सकती है।राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत अद्यतन 50,192 प्रशिक्षित बीसी सखी में से 39,029 क्रियाशील हो चुकी है जिनके द्वारा रू0 26,943 करोड़ की धनराशि का लेन – देन किया गया। जिससे बीसी सखियों द्वारा कुल कमीशन रू0 72.56 करोड़ अर्जित किया गया है।