राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज नेटवर्क।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्रीकेशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि गरीबों को अपने स्वयं के पक्के मकान का सपना पूरा होगा। सरकार सभी आवास विहीन व बेघरों को पक्का मकान देगी। प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण की सूची में पात्र लाभार्थियों का नाम जोडऩे की कार्यवाही जल्द शुरू होगी।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि भारत सरकार तथा राज्य सरकार सभी बेघर एवं आवासविहीन परिवारों को पक्की छत उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के माध्यम से इसे पूरा करने का कार्य किया जा रहा है। योजना के महत्व को देखते हुए भारत सरकार ने इसका वर्ष 2024-25 से वर्ष 2028-29 तक आगामी पांच वर्षों के लिए विस्तार किया है। आवास के लिए अंतिम बार सर्वेक्षण वर्ष 2018 में किया गया था। जिसके आधार पर तैयार सूची में से अधिकांश परिवारों को आवास दे दिया गया है। लगभग 60 हजार परिवार शेष है। जिनके लिए भारत सरकार से अतिरिक्त लक्ष्य की मांग की गयी है।
वर्ष 2018 के उक्त चिन्हाकन के बाद भी आवास की मांग ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी है, उसी मांग के चिन्हाकन के लिए पुन: सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया गया है। सर्वेक्षण शुरू करने की तिथि के सम्बन्ध में भारत सरकार द्वारा पृथक से सूचित किया जायेगा। उप मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में इस सम्बन्ध में राज्य एवं जनपद स्तर पर प्रारम्भिक तैयारी शुरू कर दी गयी है। डिप्टी सीएम ने आगामी सर्वे का कार्य सही एवं पारदर्शी ढंग से कराये जाने के निर्देश सभी अधिकारियों को दिये। सर्वेक्षण के समय कोई पात्र लाभार्थी सूची में सम्मिलित होने से शेष न रहे। इसे प्रत्येक दशा में सुनिश्चित कराया जाय। सर्वेक्षण करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों का पूर्ण उत्तरदायित्व होगा कि निर्धारित मानकों के अनुरूप निष्पक्ष एवं गुणवत्तायुक्त सर्वेक्षण करते हुए सूची तैयार की जाय। उपमुख्यमंत्री द्वारा यह भी बताया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके माध्यम से गरीब बेघर परिवारों को पक्की छत उपलब्ध करायी जाती है। इस योजना में किसी भी तरह की लापरवाही एवं उदासीनता स्वीकार्य नहीं है। सर्वेक्षण शुरू करने की तिथि भारत सरकार से प्राप्त होने के पूर्व सभी जिलाधिकारियों को आवश्यक तैयारी हेतु जीएस प्रियदर्शी, आयुक्त, ग्राम्य विकास को जरूरी दिशा-निर्देश भी दे दिए गए हैं।