राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क बरेली। रुहेलखंड विश्वविद्यालय में आयोजित उद्यान विभाग की विशेष गोष्ठी में किसानों को उन्नत और आधुनिक खेती के तरीकों की जानकारी दी गई। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केपी सिंह ने कहा कि किसानों को यदि किसी भी प्रकार की कृषि संबंधी समस्या हो तो वे सीधे विश्वविद्यालय से संपर्क कर समाधान प्राप्त कर सकते हैं। विश्वविद्यालय उनके हित में हरसंभव मदद करेगा।गोष्ठी के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने उद्यान विभाग की 50 वर्षों की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस विभाग ने किसानों को खेती के नए दृष्टिकोण से जोड़कर उनकी दशा और दिशा दोनों बदल दी है। मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के किसानों को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों से सीखने की जरूरत है क्योंकि वहां के किसान लगातार नए-नए प्रयोग कर रहे हैं और सरकार का मान बढ़ा रहे हैं।मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि यह पहली बार है जब बरेली में उद्यान विभाग की गोष्ठी हो रही है। इससे पहले कृषि विभाग की गोष्ठियां होती थीं, लेकिन अब बागवानी को भी उतनी ही अहमियत दी जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि किसान विभाग द्वारा सुझाए गए औद्यानिक खेती के तरीकों को अपनाएं तो उनकी आय दोगुनी हो सकती है। कम क्षेत्रफल में अधिक उपज प्राप्त करने के लिए नए-नए प्रयोग करने की जरूरत है।मंत्री ने उदाहरण देते हुए बताया कि हापुड़ का एक किसान एक एकड़ खेत में शिमला मिर्च की खेती कर एक सीजन में 15 लाख रुपये कमा रहा है। इसी तरह मिर्जापुर का एक किसान स्ट्रॉबेरी की खेती कर एक एकड़ से 20 लाख रुपये तक की आमदनी कर रहा है। जबकि पारंपरिक धान की खेती में एक एकड़ से महज 40 हजार रुपये की आय हो पाती है। उन्होंने किसानों को गुलाब, मसाले, हल्दी जैसी नकदी फसलों की खेती कर अपनी आय बढ़ाने का सुझाव दिया।मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है और इस दिशा में उद्यान विभाग अहम भूमिका निभा रहा है।

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