राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क। वीआईटी चेन्नई में आयोजित एक राष्ट्रीय संगोष्ठी में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने चीन को भी प्रभावित किया। क्योंकि वास्तविक युद्ध में चीनी हथियारों का प्रयोग विफल साबित हुआ है।भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान में आतंकी शिविरों पर हमला किया और पाकिस्तान की ओर से इस्तेमाल किए गए चीन के हथियारों को नाकाम कर दिया। मई में आतंकवाद निरोधक अभियान के बाद भारत की रक्षा क्षमता में जबरदस्त वृद्धि हुई। जबकि चीन की रक्षा ताकत में गिरावट आई।वीआईटी चेन्नई में तमिलनाडु उच्च शिक्षा शिक्षक संघ के तत्वावधान में आयोजित विकासशील भारत का रोड मैप – एक बहुविषयक दृष्टिकोण विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने एक अन्य देश चीन को भी प्रभावित किया। क्योंकि वास्तविक युद्ध में चीनी हथियारों का प्रयोग विफल साबित हुआ है।उन्होंने कहा कि जेएफ-17 विमान और पीएल-15 बनाने वाली कंपनी एविक सिस्टम्स चेंगदू के रक्षा भंडार में नौ प्रतिशत की उल्लेखनीय गिरावट देखी गई। जबकि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स और गार्डन रीच शिपबिल्डर सहित भारत के रक्षा भंडार में तेजी से वृद्धि हुई। ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल किए गए हथियार स्वदेश में ही बनाए गए थे।उन्होंने दावा किया कि अमेरिका के यूरोप से हटने के बाद भारत रक्षा विनिर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने उदाहरण के तौर पर टाटा डिफेंस को डसॉल्ट एविएशन द्वारा दिए गए अनुबंध का हवाला दिया।सांसद त्रिवेदी ने कहा कि इसलिए मैं कहना चाहूंगा कि यह विकसित भारत 25 साल का कार्यक्रम है, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं। यह भारत के अगले 1,000 वर्षों की नींव रखेगा। उन्होंने राजनीतिक दलों से अपील की कि वे औपनिवेशिक विरासत और स्वतंत्रता के बाद लोगों के मन में बसाई गई मानसिकता से बाहर आएं तथा भाषा कार्ड खेलना बंद करें।तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके पर हमला करते हुए त्रिवेदी ने कहा कि जो लोग भाषा को मुद्दा बनाना चाहते हैं, उन्हें सोचना चाहिए कि क्या उन्होंने कभी अपनी क्षेत्रीय भाषा में इंजीनियरिंग और मेडिकल शिक्षा प्रदान करने के बारे में सोचा था? मोदी सरकार ने 15 क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग और मेडिकल शिक्षा सुनिश्चित की है।एआईसीटीई के अध्यक्ष टीजी सीताराम ने उच्च शिक्षा के समग्र परिवर्तन का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि भविष्य का कार्यबल कक्षाओं से परे आकार लेता है। वीआईटी के संस्थापक-कुलपति जी विश्वनाथन ने उच्च शिक्षा के लिए बजट में धन के आवंटन में वृद्धि की आवश्यकता पर बल दिया। वीआईटी के उपाध्यक्ष जीवी सेल्वम, एनएएसी और एनबीए के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे, आईआईटी मद्रास के निदेशक वी कामकोटि, नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग के पूर्व अध्यक्ष निर्मलजीत सिंह कलसी और अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के संयुक्त आयोजन सचिव गुंथा लक्ष्मण भी बोलने वालों में शामिल थे।

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