
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ब्रिटेन के अपने समकक्ष कीर स्टारमर को एक स्पष्ट संदेश देते हुए उनसे “कट्टरपंथी विचारधारा” के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया, जो “लोकतंत्र को कमजोर करने के लिए लोकतांत्रिक स्वतंत्रता का दुरुपयोग” करती है। यह बयान ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थकों के बढ़ते प्रभाव के बीच आया है। मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर के बाद लंदन में बोलते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “पहलगाम आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करने के लिए हम प्रधानमंत्री स्टारमर और उनकी सरकार का आभार व्यक्त करते हैं। हम इस बात पर एकमत हैं कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मानदंड की कोई जगह नहीं है।”पीएम मोदी ने ब्रिटेन के अपने समकक्ष केअर स्टार्मर के साथ वार्ता के बाद यह बात कही। मोदी ने यह भी कहा कि भारत और ब्रिटेन दोनों इस बात पर ‘एकमत हैं कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं हो सकती।’उन्होंने पहलगाम आतंकवादी हमले की ‘कड़ी’ निंदा करने के लिए ब्रिटिश सरकार को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम इस बात पर सहमत हैं कि चरमपंथी विचारधारा वाली शक्तियों को लोकतांत्रिक स्वतंत्रता का दुरुपयोग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। जो लोग लोकतंत्र को कमजोर करने के लिए लोकतांत्रिक स्वतंत्रता का दुरुपयोग करते हैं, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।’’ ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियों खासकर मार्च 2023 में लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर हुए हमले के बाद भारत में चिंताएं बढ़ रही हैं। भारत, ब्रिटेन की धरती पर खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियों को लेकर ब्रिटेन के समक्ष अपनी चिंताओं से अवगत कराता रहा है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि ‘चरमपंथी तत्वों’ की गतिविधियों पर ब्रिटेन के साथ भारत के विचार मिलते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस तथ्य पर ध्यान दिया है कि वे उत्तरोत्तर सक्रिय हो रहे हैं तथा अतीत में और अब भी हमारे राजनयिक मिशन एवं कर्मियों की सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए हैं, वे हमारे नेताओं और राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़का रहे हैं।’’ मिसरी ने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर भारत को ब्रिटेन से सहयोग मिला है। मोदी ने आतंकवाद की चुनौती का दृढ़ता से मुकाबला करने की आवश्यकता पर भी ज़ोर दिया।प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा के लिए प्रधानमंत्री स्टार्मर और उनकी सरकार का आभार व्यक्त करते हैं। हम इस बात पर एकमत हैं कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मापदंडों के लिए कोई जगह नहीं हो सकती।’’ समझा जा रहा है कि बातचीत में भारत की सीमा पार आतंकवाद की चुनौती पर भी चर्चा हुई।मिसरी ने कहा कि मोदी और स्टार्मर ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘‘यह बात रेखांकित की गई कि चरमपंथ और कट्टरपंथ दोनों समाज के लिए खतरा हैं तथा आतंकवाद, उग्रवाद और कट्टरपंथ की बुराइयों से निपटने के लिए द्विपक्षीय सहयोग एवं समन्वय को और बढ़ाने की आवश्यकता है।’’मोदी और स्टार्मर के बीच बातचीत मुख्यतः व्यापार, निवेश, रक्षा एवं सुरक्षा, शिक्षा और स्वच्छ प्रौद्योगिकी समेत विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने पर केंद्रित रही। दोनों पक्षों ने एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य दोनों अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देना, 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात पर शुल्क कम करना, हजारों नौकरियां पैदा करना और ब्रिटिश व्हिस्की, कारों और कई अन्य वस्तुओं पर शुल्क कम करना है। इस समझौते को आधिकारिक तौर पर व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (सीईटीए) नाम दिया गया है, जिस पर वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटिश व्यापार सचिव जोनाथन रेनॉल्ड्स ने भारत और ब्रिटेन के प्रधानमंत्रियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारर के साथ द्विपक्षीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हम इस साल तीसरी बार मिल रहे हैं। मैं इसे बहुत महत्वपूर्ण मानता हूँ। ब्रिटेन और भारत स्वाभाविक साझेदार हैं। आज हमारे संबंधों में एक ऐतिहासिक दिन है। हमारे दोनों देश मुक्त व्यापार समझौते (FTA) और दोहरे योगदान समझौते (डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन) पर हस्ताक्षर कर रहे हैं। यह भारत और ब्रिटेन की भावी पीढ़ियों के लिए एक बहुत मजबूत मार्ग प्रशस्त करेगा। यह व्यापार और वाणिज्य में एक नया अध्याय जोड़ रहा है।”