CMO flagged off the Sarathi vehicle.
  • November 21, 2025
  • kamalkumar
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राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क रायबरेली : जनपद में 21 नवम्बर से पुरुष नसबंदी पखवारा शुरू हुआ है जो कि 04 दिसम्बर तक चलेगा। इसी क्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नवीन चंद्रा ने जागरूकता रैली और सारथी वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
          मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि 21 नवम्बर से चार दिसम्बर तक चलने वाले पुरुष नसबंदी पखवारे की थीम है – “स्वस्थ एवं खुशहाल परिवार,पुरुष सहभागिता से ही होगा यह सपना साकार।” थीम के अनुसार परिवार को नियोजित करने एवं स्वस्थ रखने में केवल महिला की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि पुरुष सहभागिता भी जरूरी है। पुरुष नसबंदी स्थायी परिवार नियोजन की विधि है। केवल महिलाएं ही इसे न अपनाएँ बल्कि आगे बढ़कर पुरुष भी इसे अपनाएँ और परिवार नियोजन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। यह पूरी तरह से सुरक्षित है। नॉन स्क्लेप्टेल वेसिक्टोमी (एनएसवी) में कोई चीरा कांटा नहीं लगता है। यह 10 मिनट का एक सरल ऑपरेशन है जो कि प्रशिक्षित सर्जन द्वारा किया जाता है। ऑपरेशन के दो दिन बाद व्यक्ति सामान्य काम तथा एक सप्ताह के बाद भारी काम कर सकता है। नसबंदी की सेवा अपनाने वाले पुरुष को 3000 रुपये की क्षतिपूर्ती राशी तथा प्रेरक को प्रति लाभार्थी 400 रूपये मिलते हैं। पुरुष नसबंदी, महिला नसबंदी की अपेक्षा काफी आसान है।
          मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि 21 से 24 नवम्बर तह शहरी क्षेत्र सहित हर ब्लाक पर तीन सारथी वाहन चलाये जायेंगे जिसके माध्यम से लोगों को स्थायी और अस्थायी परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जागरूक किया जायेगा। इसके साथ ही यह पखवारा दो चरणों में आयोजित होगा। जहाँ पहला चरण मोबिलाइजेशन फेज 21 से 27 नवम्बर तक चलेगा जिसके तहत लोगों को आशा कार्यकर्ता, एएनएम सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी पुरुष नसबंदी के बारे में जागरूक करेंगे, अपनाने के लिए प्रेरित करेंगे व इच्छुक दम्पतियों की पहचान करेंगे तथा 28 से चार दिसबर तक सेवा प्रदायगी पखावरा आयोजित होगा जिसमें सभी सीएचसी तथा जिला अस्पताल में नियत सेवा दिवस के माध्यम से प्रशिक्षित सर्जन द्वारा सेवाएं दी जायेंगी। इसके साथ ही मोबिलाइजेशन फेज के दौरान परिवार नियोजन में बेटे और सास की भागीदारी  सुनिश्चित करने के लिए हर आशा कार्यकर्ता द्वारा अपने अपने क्षेत्रों में सास-बेटा- बहु सम्मलेन का आयोजन किया जायेगा।
          जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी डी.एस. अस्थाना ने बताया कि पुरुष नसबंदी को लेकर भ्रांतियां हैं कि यह पुरुषों की यौन क्षमता को प्रभावित करती है बल्कि ऐसा बिलकुल भी नहीं है व्यक्ति वैवाहिक सुख का पूरा आनंद लेता है और न ही इसके बाद पुरुषों में कमजोरी आती है। यह सर्जरी कराने के तीन माह बाद ही प्रभावशाली होती है शुक्रवाहिनी में पहले से मौजूद शुक्राणुओं को वीर्य के साथ बाहर निकलने में तीन माह का समय लगता है।अप्रैल से अब तक कुल 10 पुरुषों ने नसबंदी की सेवा अपनाई है व पिछले वित्तीय वर्ष में दो ने इसे अपनाया है।

कौन पुरुष नसबंदी की सेवा अपना सकते हैं ?
– वह सभी जिनकी आयु 60 साल से कम हो
– जिनका कम से कम एक साल का बच्चा हो, बच्चा लड़का या लड़की कोई भी हो सकता है।
– जिनका परिवार पूरा हो गया हो।

इस अवसर पर डॉ. श्री कृष्णा ,डॉ अरुण कुमार वर्मा, डॉ राकेश यादव, डॉ. शरद कुशवाहा, अंजली सिंह, रूबी सिंह, विनय पांडे, हिमांशु श्रीवास्तव, यासीन अहमद, नर्सिंग की स्टूडेंट, आशा कार्यकर्ता तथा सीएमओ ऑफिस का स्टाफ मौजूद रहा।

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