चुनावी नारे, सपा चुनाव प्रचार, अखिलेश यादव बयान, यूपी चुनाव रणनीति, सपा सोशल मीडिया निर्देश, राजद नारों का विवाद, बिहार चुनाव मामला, पीडीए फार्मूला सपा, चुनावी नारे विवाद, सपा डिजिटल कैंपेन, Chunavi Naare, SP Election Campaign, Akhilesh Yadav Statement, UP Election Strategy, SP Social Media Guidelines, RJD Slogan Controversy, Bihar Election Issue, PDA Formula SP, Political Slogans India, Election Campaign Rules, चुनावी नारे फोटो, अखिलेश यादव प्रेस कॉन्फ्रेंस, सपा चुनाव बैठक, सोशल मीडिया टीम सपा, यूपी चुनाव प्रचार तस्वीरें, Election Slogans Image, Akhilesh Yadav Meeting, SP Campaign Photo, Social Media Team SP, UP Elections Visuals, #चुनावी_नारे, #अखिलेश_यादव, #समाजवादी_पार्टी, #UPElection2025, #ElectionCampaign, #PoliticalNews, #PDAFormula,

चुनावी नारे बनाने में समाजवादी पार्टी ने सख्ती की है। अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए कि राजद जैसी गलतियों से बचें और अश्लील, आपत्तिजनक व वर्ग विशेष को निशाना बनाने वाले नारों का प्रयोग न करें। सपा चुनावी अभियान में सम्मानजनक भाषा और पीडीए फार्मूले को प्राथमिकता दे रही है।

अभयानंद शुक्ल
समन्वय सम्पादक

• अखिलेश यादव का निर्देश—नारे, वीडियो और डिजिटल कैंपेन में पूरी सावधानी बरतें
• अश्लील, आपत्तिजनक और वर्ग विशेष को निशाना बनाने वाली सामग्री पूरी तरह प्रतिबंधित

लखनऊ। बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को उसके ही बनाए अपमानजनक नारों और विवादित वीडियो का जो नुकसान हुआ, उससे सबक लेते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) अब अपने चुनावी कैंपेन में बेहद सतर्क हो गई है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी की सोशल मीडिया टीम, प्रचार रणनीतिकारों और युवा संगठनों को सख़्त निर्देश जारी किए हैं कि कंटेंट बनाते समय ना तो अश्लीलता हो, ना आपत्तिजनक भाषा, और ना ही किसी जाति या वर्ग विशेष के प्रति दुर्भावनापूर्ण संदेश जाए।

“राजद जैसी गलती नहीं दोहरानी”—अखिलेश

अखिलेश यादव ने कहा कि बिहार में राजद के कुछ नारे और वीडियो पार्टी की हार का बड़ा कारण बने। उन्होंने कार्यकर्ताओं को आगाह करते हुए कहा—
“नारा जनता को जोड़ने वाला होना चाहिए, बांटने वाला नहीं।”

सपा अध्यक्ष का मानना है कि चुनावी अभियान में कुछ गैर-पेशेवर और हल्के कंटेंट ने बिहार में जनता को गलत संदेश दिया, जिससे राजद के खिलाफ धारणा बनी और इसका सीधा प्रभाव चुनाव परिणामों पर पड़ा। यूपी में सपा किसी भी तरह के ऐसे जोखिम से दूर रहना चाहती है।

बिहार में चर्चा में रहे विवादित नारे

राजद समर्थकों द्वारा प्रचारित कुछ नारे और गाने चुनाव के दौरान भारी विवादों में रहे—

  • “भैया के आवे दे सत्ता में रे…”
  • “कट्टा सत्ता के उठाइब घरवा से…”
  • गाना—“नाहीं गले वाला दाल हईं रे, आरजेडी वाला माल हईं रे…”

बताया जाता है कि ऐसे कंटेंट ने राजद की छवि को ‘भय’ और ‘हिंसा’ से जोड़ दिया तथा जातिगत असुरक्षा की भावना को जन्म दिया। नतीजा—वोटरों का बड़ा तबका पार्टी से दूर हो गया।

सपा का नया निर्देश: BSP और मायावती पर भी नहीं होगी तीखी टिप्पणी

अखिलेश यादव ने स्पष्ट किया है कि सपा किसी भी कीमत पर दलित मतदाताओं में नकारात्मक संदेश नहीं जाने देगी। उन्होंने अपने नेताओं से कहा है कि बहुजन समाज पार्टी या मायावती के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी करने से बचें, ताकि पीडीए फॉर्मूले का ‘D’ यानी दलित वर्ग नाराज़ न हो।

पीडीए रणनीति के केंद्र में ‘सम्मानजनक भाषा’

अखिलेश के अनुसार चुनाव अब सिर्फ एमवाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण से नहीं जीते जा सकते। पीडीए—पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक—को मजबूत करने के लिए भाषा, नारा और कम्युनिकेशन में पूरी संवेदनशीलता ज़रूरी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *