राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क लखनऊ। प्रदेश में खरीफ सीजन के दौरान किसानों को उर्वरकों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कृषि विभाग द्वारा महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। प्रमुख सचिव कृषि रविन्द्र द्वारा निर्देशित किया गया है कि जनपदों में निजी उर्वरक कम्पनियों की उर्वरक रैंक से 40 प्रतिशत उर्वरकों की आपूर्ति उत्तर प्रदेश सहकारी विपणन संघ पीसीएफ को कराई जाए। 24 जून को कृषि मंत्री उत्तर प्रदेश की अध्यक्षता में उर्वरकों की उपलब्धता एवं वितरण व्यवस्था को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि सहकारी समितियों पर किसानों की बढ़ती मांग के अनुपात में पीसीएफ के पास उर्वरकों की उपलब्धता सीमित है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया कि निजी रैंक से 40 प्रतिशत उर्वरक सहकारी क्षेत्र को हस्तांतरित किए जाएं, जिससे कृषकों को समय पर खाद की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।गत वर्ष भी इस उद्देश्य से शासन द्वारा निर्देश जारी किए गए थे, जिसके तहत 50 प्रतिशत उर्वरकों की आपूर्ति पीसीएफ को कराई गई थी। इस बार खरीफ सीजन 2025 के लिए 40 प्रतिशत आपूर्ति का निर्णय कृषक हित में आवश्यक एवं समीचीन माना गया है। प्रमुख सचिव कृषि ने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि खाद वितरण की इस व्यवस्था को राजस्व विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर कृषकों तक पारदर्शी रूप से पहुँचाया जाए। जिलाधिकारी स्वयं मौके पर जाकर वितरण व्यवस्था की निगरानी करें एवं कोई विक्रेता कालाबाजारी या ओवर रेटिंग न करे। किसानों को केवल उनके जोत,कृषि भूमि की आवश्यकता के अनुरूप और संस्तुत मात्रा में ही खाद क्रय करने की अनुमति दी जाए। कृषकों को टीएसपी त्रिसुपर फास्फेट एवं एनपीके नाइट्रोजन-फास्फोरस-पोटाश जैसे संतुलित उर्वरकों के प्रयोग हेतु जागरूक भी किया जाए।प्रमुख सचिव ने अधिकारियों से कहा है कि इन निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए, जिससे किसानों को समय पर और उचित दर पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके और राज्य में कृषि उत्पादन सतत रूप से चलता रहे।

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