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“मुख्यमंत्री ने मेरठ कानपुर और मथुरा-वृंदावन की विकास योजना की समीक्षा की। 478 परियोजनाओं, PPP मॉडल, रेवेन्यू शेयरिंग और आधुनिक शहरी ढांचे पर खास जोर।”

478 परियोजनाओं का खाका तैयार; PPP मॉडल और रेवेन्यू शेयरिंग पर जोर

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को मेरठ, कानपुर और मथुरा-वृंदावन की समग्र विकास कार्ययोजना की विस्तृत समीक्षा की। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इन शहरों का विकास केवल सड़क निर्माण या भवन विस्तार तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि स्थानीय पहचान, विरासत, संस्कृति और आधुनिक सुविधाओं के संतुलन के साथ किया जाना चाहिए।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि परियोजनाओं को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाए, निर्धारित समयसीमा में गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए और नागरिकों को विकास का स्पष्ट लाभ मिले। मुख्यमंत्री ने मेरठ में प्रस्तावित बिजली बम्बा बाईपास को PPP मॉडल पर विकसित करने की संभावना पर भी विस्तृत विचार करने के निर्देश दिए।

478 परियोजनाओं की रूपरेखा तैयार

बैठक में तीनों मंडलों के मंडलायुक्तों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपनी योजनाओं का प्रस्तुतीकरण किया। जानकारी दी गई कि अयोध्या, वाराणसी, गोरखपुर और प्रयागराज की तर्ज पर अब मेरठ, कानपुर और मथुरा-वृंदावन में भी एकीकृत विकास मॉडल लागू किया जा रहा है।

कुल 478 परियोजनाओं की रूपरेखा इस प्रकार है—

  • मेरठ: 111
  • कानपुर: 109
  • मथुरा-वृंदावन: 258

इन परियोजनाओं को अल्पकालिक, मध्यमकालिक और दीर्घकालिक श्रेणियों में विभाजित कर समयसीमा निर्धारित की गई है।

पहले चरण में 38 प्राथमिक परियोजनाएं

वर्ष 2025–26 में पहले चरण के रूप में तीनों शहरों में कुल 38 प्राथमिक परियोजनाओं पर कार्य किया जाएगा—

  • मेरठ में- 11
  • कानपुर में -13
  • मथुरा-वृंदावन में -14

इन परियोजनाओं में मुख्य रूप से यातायात सुधार, चौराहों का पुनर्विकास, मल्टीलेवल पार्किंग, स्मार्ट रोड, हरित क्षेत्र विस्तार, पेवमेंट सुधार, जल प्रबंधन, बिजली लाइनों का भूमिगतकरण, पर्यटन सुविधाओं का उन्नयन और शहरी सौंदर्यीकरण जैसे कार्य शामिल हैं।

मेरठ: शहरी ढांचे और यातायात सुधार पर फोकस

मेरठ में प्रस्तावित प्रमुख परियोजनाएँ—

  • बिजली बम्बा बाईपास (PPP मॉडल)
  • लिंक रोड विकास
  • हापुड़ अड्डा से गांधी आश्रम तक चौड़ीकरण
  • ईस्टर्न कचहरी रोड सुधार
  • सूरजकुंड चौराहा उन्नयन
  • 19 प्रमुख चौराहों पर जंक्शन इम्प्रूवमेंट
  • संजय वन विकास
  • शताब्दी नगर एसटीपी से मोहकमपुर तक जल पुनर्चक्रण योजना
  • स्मार्ट रोड और यूनिवर्सिटी रोड पुनर्विकास

कानपुर: विरासत और आधुनिकता पर आधारित विकास मॉडल

कानपुर की विकास अवधारणा “रूटेड इन लेगेसी, राइजिंग टू टुमॉरो” पर केंद्रित है।
मुख्य प्रस्तावित कार्य—

  • मैनावती मार्ग चौड़ीकरण
  • ग्रीन पार्क क्षेत्र का शहरी डिजाइन सुधार
  • मल्टीलेवल पार्किंग
  • मकसूदाबाद सिटी फॉरेस्ट
  • बोटैनिकल गार्डन
  • मास्टर प्लान सड़कों का निर्माण
  • VIP रोड एवं रिवरफ्रंट लिंक
  • ग्रीनफील्ड कॉरिडोर
  • मेट्रो विस्तार
  • ग्रेटर कानपुर के रूप में नया विस्तार क्षेत्र

मथुरा-वृंदावन: Vision–2030 के तहत धार्मिक-पर्यटन विकास योजना

मथुरा-वृंदावन को 2030 तक एक उच्च स्तरीय धार्मिक-पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना पर चर्चा हुई।
मुख्य प्रमुख बिंदु—

  • स्ट्रीट फसाड डेवलपमेंट
  • बस व मल्टीलेवल पार्किंग
  • शहर के प्रवेश द्वारों का सौंदर्यीकरण
  • नए मार्गों का निर्माण
  • बरसाना–गोवर्धन–राधाकुंड कॉरिडोर सुधार
  • परिक्रमा मार्ग पर सुविधाओं का विस्तार
  • धार्मिक स्थलों तक संकेतक एवं प्रकाश व्यवस्था
  • PPP मॉडल और रेवेन्यू शेयरिंग पर जोर

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि परियोजनाओं में नवाचार, बेहतर प्रबंधन और वित्तीय संयोजन को प्राथमिकता दी जाए। सरकारी धन पर निर्भरता को कम करने के लिए रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल और PPP (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल का अधिकतम उपयोग किया जाए।

उन्होंने स्पष्ट कहा कि—
“जनहित से जुड़े कार्यों के लिए धन की कमी नहीं होगी। आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त बजट भी उपलब्ध कराया जाएगा।”

उत्तर प्रदेश के नए शहरी विकास मॉडल की झलक

बैठक में लिए गए निर्णयों से स्पष्ट है कि सरकार का लक्ष्य है—

  • सुगम यातायात
  • साफ-सुथरा व सौंदर्ययुक्त शहरी ढांचा
  • पैदल यात्रियों और सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता
  • हरित शहरों का विकास
  • स्थानीय पहचान और सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण

तीनों शहरों की योजनाओं के माध्यम से उत्तर प्रदेश एक नए शहरी विकास मॉडल की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है।

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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल

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