
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क। ओडिशा के पुरी में वार्षिक रथ यात्रा उत्सव के दौरान आज सुबह (28 जून, 2025) हुई एक दुर्भाग्यपूर्ण भगदड़ में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 10 अन्य घायल हो गए। मृतकों में दो महिलाएं शामिल हैं। यह घटना गुंडिचा मंदिर के पास हुई, जहां भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथ दर्शन के लिए रुके हुए थे।यह दुखद घटना आज सुबह लगभग 4:30 बजे गुंडिचा मंदिर के समीप घटित हुई। जानकारी के अनुसार, भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की मूर्तियों को लेकर जा रहे तीनों रथ मंदिर के पास उस स्थान पर पहुंचे, जहां बड़ी संख्या में भक्त अपने आराध्य के दर्शन के लिए प्रतीक्षा कर रहे थे।शुरुआती जानकारी के मुताबिक, प्रतीक्षा कर रहे भक्तों में से कुछ के अचानक गिर जाने के कारण भगदड़ मच गई। भीड़ इतनी घनी थी कि लोगों को संभलने का मौका नहीं मिला और कई लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरते चले गए।चश्मदीदों के दावों ने एक और गंभीर पहलू उजागर किया है। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि एक ट्रक उस क्षेत्र में प्रवेश कर गया जहां श्रद्धालु एकत्र थे। यह ट्रक कथित तौर पर रथों के पास रखे ताड़ के लट्ठों को हटाने के लिए आया था। ट्रक के प्रवेश से श्रद्धालुओं के बीच अफरा-तफरी मच गई, जिससे हंगामा बढ़ गया और जल्द ही यह एक बड़ी भगदड़ में बदल गया। इसी भगदड़ में तीन लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इनमें दो महिलाएं प्रभाती दास और बसंती साहू और 70 वर्षीय प्रेमकांत मोहंती शामिल हैं। पता चला है कि तीनों खुर्दा जिले के रहने वाले हैं और रथ यात्रा के लिए पुरी आए थे।
प्रशासन की तत्परता और जांच के आदेश
घटना की सूचना मिलते ही पुरी के पुलिस महानिदेशक (DGP) वाई.बी. खुरानिया, जिला कलेक्टर, और पुलिस अधीक्षक (SP) तत्काल मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और राहत व बचाव कार्यों की निगरानी की। इस बीच, भगदड़ के दौरान मौके पर मौजूद एक पुलिसकर्मी ने संवाददाताओं को बताया कि वहां भारी भीड़ थी। ‘पहुड़ा’ (देवताओं के दर्शन का औपचारिक समापन) के बाद, बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े। हादसे के समय मरने वाले लोग मौके पर बैठे थे।स्थानीय मीडिया ने बताया कि मौके पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की व्यवस्था अपर्याप्त थी। रिपोर्ट के अनुसार घायलों में से कुछ की हालत गंभीर है। पुरी एसपी विनीत अग्रवाल ने श्रद्धालुओं के आरोपों का खंडन किया है, जो कह रहे थे कि घटना के दौरान मौके पर पुलिस तैनात नहीं थी।पूरी कलेक्टर सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, ‘दर्शन के औपचारिक समापन के बाद, जब सुबह-सुबह देवताओं के दर्शन शुरू हुए, तो बड़ी संख्या में श्रद्धालु घेरे की ओर दौड़ पड़े। करीब नौ लोगों ने सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की। उन्हें बाहर निकाला गया और अस्पताल ले जाया गया। अब तक, तीन श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि छह अन्य का अस्पताल में इलाज चल रहा है। मृतकों का पोस्टमार्टम चल रहा है।’ ओडिशा सरकार ने इस पूरे मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं।