धौरहरा खीरी धौरहरा 2009 में लोकसभा खाखे पर धौरहरा के रूप में उभर कर आई लोकसभा सीट धौरहरा कांग्रेस के खाते में गई तत्कालीन कांग्रेस ने क्षेत्र की बड़ी संख्या वाली जाति के ब्राह्मण चेहरे के रूप में जितिन प्रसाद को बनाया प्रत्याशी और उनके मिलनसार चेहरे के वशीभूत होकर धौरहरा की जनता ने जितेंद्र प्रसाद को बैठाया सर आंखों पर उन्हें प्रथम धौरहरा लोकसभा सांसद की कुर्सी बैठाते हुए देश में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी कांग्रेस सरकार के बने केंद्रीयमंत्री और उन्होंने क्षेत्र में विकास की गंगा को बहाते क्षेत्र का चौमुखी विकास किया साथ ही जनता के लाडले और दुलारे बनते हुए क्षेत्र की प्रत्येक जनता को अपना कीमती समय देते हुए 5 साल तक राज किया और
दो पंच वर्षीय हार से मुंहछुपाए बैठी भाजपा पार्टी ने प्रधानमंत्री चेहरा के रूप में गुजरात प्रांत के जन प्रिया मुख्यमंत्री रह रहे नरेंद्र मोदी पर दाव खेला उनकी नीतियों और ताबड़तोड़ रैलियो मे बोले गए भाषणों से मंत्र मुगध हुई भारत की जनता की हवा ने देश में राजनीति की तस्वीर ही पलट कर रख दी । ओर दूसरी बार लोकसभा धौरहरा चुनाव में बीजेपी ने लोकसभा की बडी जाति के समूह से रेखा वर्मा पर भरोसा करते हुए प्रत्याशी बनाया और मोदी की धुआंधार रैली बैटिंग धुआंधार में भाजपा पार्टी ने देश में पूर्ण बहुमत जीत का परचम लहराया जिसमें धौरहरा लोकसभा सीट से भाजपा लिस्ट में शामिल चेहरा अरुण वर्मा पति की मौत के सदमे सामान्य गृहणी से उभरकर आई सहानुभूति डोरी पकड रेखा वर्मा जिले में बड़ी जीत के साथ उपस्थिति दर्ज कराई । परंतु इस बार बसपा पार्टी की अध्यक्षा मायावती दो बार धौरहरा लोकसभा सीट से हार का स्वाद चखने के बाद की गणित मे धौरहरा भाजपा लोकसभा सीट पर भाजपा से बागी हुए ब्राह्मण चेहरा श्याम किशोर अवस्थी को बसपा से उतरकर भाजपा सांसद रेखा वर्मा की जीत मे अंडाई टागं । राजनीतिक जानकारों के अनुसार दो बार वर्तमान सरकार से सांसद रेखा वर्मा के हवा- हवाई और दबंगों के द्वार तक जनता मिलन से उबे जनमानस इस बार बसपा प्रत्याशी शायम किशोर अवस्थी पर दाव खेलने के मुंड मे ।
विकास के नाम पर किए गए संकलन के अनुसार विकास के नाम पर सांसद रेखा वर्मा भी कहीं सटीक और फीट नहीं बैठती है 10 वर्षों के सता शासन के बावजूद भी क्षेत्र में टूटी सड़कों के जाल से उड़ती धूल विकास को बयां करती है। धौरहरा नगर से निकाल कर जाने वाले मार्ग पंडितपुरवा,
सुजई , भट्ट पुरवा , हरसिंगपुर सहित आधा दर्जन से ऊपर गांवों के लाईफ लाईन कहे जाने वाले मार्ग पर पड़ने वाले दाहौरा नाले पर पुल बनाने की मांग स्कूली बच्चों और क्षेत्र वासियों द्वारा समय-समय पर हाईवे जाम कर पुल बनवाने की मांग उठाये जाने पर सरकारी नुमाइंदो द्वारा शासन तक उनकी बात पहुंचाने झूठे वादे और चुनाव आने पर जनप्रतिनिधियों द्वारा जीत के उपरांत पुल बनवाने कहे जाने के बाद मुंह मोड़ लेने से उक्ताई जनता इस बार बसपा का दामन थामने जुटी दिखाई पड़ती है। धौरहरा तहसील मुख्यालय से लगभग 6किलो मीटर की दूरी पर टेंगनहा गांव में बने आईटीआई कॉलेज का सपना अभी तक शिक्षित युवाओं की रात के नींदों के सपनो तक है। 2024 के लोकसभा चुनावी बिगुल में उत्तर प्रदेश सरकार के लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद द्वारा एक बार फिर से अपनी जीत को फिर से सुनिश्चित करते हुए धौरहरा क्षेत्र में विकास की गंगा के खाखे को खींचने का तक प्रयास किया जिसमें प्रमुख रूप से धौरहरा नगर चल कर कटौली वाया घाघरा नदी पर पुल बना तंबौर होते हुए कम दूरी व कम समय लखनऊ पहुंचने की योजना पर तेजी से काम किया गया जिससे क्षेत्र की जनता में हर्षोल्लास की बयार बहने लगी थी , परंतु पार्टी में अपनी धमक बनाने में कामयाब रही सांसद रेखा वर्मा के आगे उनके प्रयास जीरो साबित हुए और लोकसभा भाजपा प्रत्याशी के रूप में अपने नाम दर्ज कराई । पार्टी के सूत्रों के अनुसार सांसद रेखा वर्मा को धौरहरा से हटाने पर जातिगत बगावत आडे आ रही थी । जितिन को यहां से हटाने के बावजूद भी भाजपा पार्टी की समस्या नहीं हुई खत्म क्योंकि बसपा ने इस बार खेला ब्राह्मण कार्ड । कहीं भाजपा के जातिगत समीकरण की उलझन में हाथ से निकल ना जाए धौरहरा लोकसभा की जीती सीट ।