• April 30, 2024
  • kamalkumar
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*भीषण गर्मी में झुलस रहे प्राथमिक विद्यालयों के नन्हे-मुन्ने बच्चे, स्कूल का समय प्रातः 7 से 11 बजे तक किया जाए। – एमएलसी आशुतोष सिन्हा*

वाराणसी। सपा एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों का समय सुबह 7 से 11 बजे तक किए जाने हेतु मा0 मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखा है।

उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि उ0प्र0 में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल इस भीषण गर्मी में दोपहर दो बजे तक संचालित हो रहे हैं, जिससे 40 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में दोपहर दो बजे तक बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। बच्चे कड़ी धूप और गर्म हवा के थपेड़े सहते हुए घर पहुंचते हैं, जिससे उनका स्वास्थ्य प्रतिदिन बिगड़ता जा रहा है। इस प्रचंड गर्मी को देखते हुए कुछ जिलों में बीएसए ने अपने स्तर से छुट्टी का समय घटाया भी था परन्तु बेसिक शिक्षा निदेशक ने इसे अनुचित बताते हुए पुनः दो बजे छु‌ट्टी करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आगे लिखा है कि इस सन्दर्भ में मैंने पूर्व में भी प्रमुख सचिव – बेसिक शिक्षा को संबोधित पत्र, पत्रांक  – 97BLW/0721 व दिनांक- 20/04/2024 के माध्यम से विद्यालय के समय में परिवर्तन किए जाने की मांग की थी, जिसपर विद्यालय का समय 7.30 बजे से 1.00 बजे तक किया गया था, जो कि छात्रहित में  उचित नही है। इसके साथ ही शिक्षा निदेशक (बेसिक), उ0प्र0 निशातगंज, लखनऊ के द्वारा प्रेषित पत्र पत्रांक-शि0नि0 (बे0)/4867-5133 /2024-25, दिनांक – 26 अप्रैल, 2024 के माध्यम से विभाग के अधीनस्थों को आदेशित किया गया था कि दिनांक- 25 अप्रैल, 2024 से 28 अप्रैल, 2024 तक, उ0प्र0 बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन कक्षा-1 से 8 तक परिषदीय / मान्यता प्राप्त समस्त विद्यालयों का संचालन प्रातः 7.30 बजे से 11.30 बजे तक तथा दिनांक 29 अप्रैल, 2024 से अग्रिम आदेश तक प्रातः 7.30 बजे से अपरान्ह 1.00 बजे तक होगा। उक्त आदेश के क्रम में उन्होंने मा0 मुख्यमंत्री जी से व्यंग्यात्मक लहजे में पूछा भी है कि क्या यह प्रचण्ड गर्मी केवल 25 अप्रैल से 28 अप्रैल, 2024 तक ही रहेगी? उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों के बिगड़ते स्वास्थ्य के कारण उनके अभिभावकों द्वारा अब बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में भी दोपहर 11 बजे तक छुट्टी करने की मांग भी निरंतर की जा रही है, जिसको ध्यान में रखते हुए विद्यालय का समय 7 बजे से 11 बजे तक किया जाना छात्रहित में न्यायसंगत है।

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