राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज नेटवर्क। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को उम्मीद पोर्टल का शुभारंभ किया और कहा कि यह वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को डिजिटल बनाएगा और पूरी तरह पारदर्शी तरीके से काम करेगा। उन्होंने कहा कि आज, वक्फ संशोधन अधिनियम की पहली कार्यान्वयन प्रक्रिया शुरू हो रही है। यह उम्मीद पोर्टल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को डिजिटल करेगा ताकि कोई इसका दुरुपयोग या बाईपास न कर सके। यह पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से काम करेगा। दक्षता और सशक्तिकरण इस अधिनियम का सबसे बड़ा उद्देश्य है… यह सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है, लेकिन विशेष रूप से गरीब मुस्लिम बच्चों, महिलाओं, अनाथों और विधवाओं के लिए। भारत में दुनिया की सबसे ज्यादा वक्फ संपत्तियां हैं। हमारे मुस्लिम समुदाय में गरीबों की आबादी बहुत ज्यादा है। इसे कम करने के लिए, वक्फ संपत्ति का उचित प्रबंधन बहुत जरूरी होने वाला है। भारत में 9 लाख से ज्यादा वक्फ संपत्तियां हैं। आने वाले दिनों में आप देखेंगे कि कितनी रजिस्ट्रेशन होंगी।रिजिजू ने कहा कि उम्मीद पोर्टल भारत में वक्फ संपत्ति प्रबंधन और प्रशासन के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ेगा। उम्मीद पोर्टल लॉन्च करने के बाद किरेन रिजिजू ने कहा कि इससे न केवल पारदर्शिता आएगी बल्कि आम मुसलमानों, खासकर महिलाओं और बच्चों को भी मदद मिलेगी। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा विकसित इस पोर्टल का आधिकारिक उद्घाटन केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन की मौजूदगी में किया गया। इसे ऐतिहासिक कदम बताते हुए रिजिजू ने जोर देकर कहा कि उम्मीद पोर्टल महज एक तकनीकी उन्नयन से कहीं बढ़कर है।उन्होंने कहा कि यह अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की रक्षा करने और समुदाय के स्वामित्व वाली वक्फ संपत्तियों का उपयोग गरीब मुसलमानों के लिए प्रभावी और निष्पक्ष रूप से सुनिश्चित करने के लिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिनके लिए यह मूल रूप से बनाया गया था। यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, एम्पावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट एक्ट, 1995 का संक्षिप्त नाम, उम्मीद सेंट्रल पोर्टल, वक्फ संपत्तियों की वास्तविक समय पर अपलोडिंग, सत्यापन और निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में काम करेगा। इस पोर्टल से भारत भर में वक्फ संपत्तियों के प्रशासन में व्यापक बदलाव आने की उम्मीद है, जिससे अधिक पारदर्शिता, जवाबदेही और सार्वजनिक भागीदारी आएगी।

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