
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ । उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में लखनऊ-देवा रोड पर श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी (एसआरएमयू) के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्रों पर लाठीचार्ज के एक दिन बाद यह मुद्दा तब भड़क गया जब एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कैसरबाग के पास एक कार को क्षतिग्रस्त कर दिया। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लाठीचार्ज पर नाराजगी व्यक्त की, जिम्मेदार सीओ को हटाने का आदेश दिया और घटना और एसआरएमयू की डिग्री की वैधता दोनों की जांच का निर्देश दिया।सीएम के निर्देश के बाद, शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने बाराबंकी सीओ (शहर) हर्षित चौहान, शहर कोयवाली के प्रभारी निरीक्षक आरके राणा, गदिया पुलिस चौकी प्रभारी को हटाकर पुलिस लाइन भेज दिया। योगी ने अयोध्या मंडलायुक्त राजेश कुमार को संबंधित कॉलेज की डिग्री की वैधता की जाँच करने और मंगलवार शाम तक विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने अयोध्या परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार को लाठीचार्ज की घटना की जाँच करने के निर्देश दिए।मंगलवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ता लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर में एकत्रित हुए और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। सीओ द्वारा क्षेत्राधिकारी को हटाने की घोषणा के बाद प्रदर्शन समाप्त कर दिया गया। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि पुलिस कार्रवाई में 4-5 महिला कार्यकर्ताओं समेत लगभग एक दर्जन कार्यकर्ता घायल हो गए। उन्होंने बताया कि एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने एसआरएमयू प्रशासन के खिलाफ अनियमितताओं, बार काउंसिल ऑफ इंडिया से लॉ कोर्स का नवीनीकरण न कराने, छात्रों के उत्पीड़न और मनमानी फीस वसूली के खिलाफ प्रदर्शन किया।लखनऊ में राजभवन के बाहर समाजवादी छात्र सभा ने प्रदर्शन किया। खास बात ये है सपा ने ये प्रदर्शन ABVP वालों पर लाठी चार्ज के विरोध में किया। वहीं, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर हुए लाठीचार्ज का वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “बाराबंकी में छात्रों पर लाठीचार्ज सरकार की विफलता और हताशा का प्रतीक है।” कांग्रेस की छात्र शाखा भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने अस्पताल पहुँचकर घायल एबीवीपी कार्यकर्ताओं को पूरा समर्थन दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार युवा शक्ति का दमन करना चाहती है। एनएसयूआई के राष्ट्रीय संयोजक विशाल सिंह ने कहा कि शिक्षा में भ्रष्टाचार, पुलिस की गुंडागर्दी और दमन असहनीय है।