The Ramlila of Ajan town saw an emotional enactment of the dialogue between Dasharatha and Kaikeyi and the exile of Rama.
  • October 13, 2025
  • kamalkumar
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राष्ट्रीय प्रस्तवना न्यूज़ नेटवर्क खीरी : तहसील गोला क्षेत्र के कस्बा अजान में चल रही ऐतिहासिक रामलीला में छठवें दिन सोमवार को दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक नाटक पार्टी के कलाकारों द्वारा दशरथ-कैकई संवाद, राम वनवास आदि का मंचन हुआ। रामलीला देखने के लिए देर शाम तक लोगों की भीड़ जुटी रही।

लीला में दिखाया गया कि चक्रवर्ती सम्राट राजा दशरथ ने चारों पुत्रों के विवाह के पश्चात राम के राज्याभिषेक की घोषणा कर दी। इसी बीच राजा दशरथ को सूचना मिलती है कि महारानी कैकेई नाराज होकर कोप भवन में चली गई हैं। यह सुनकर परेशान दशरथ कारण जानने सीधे कोप भवन पहुंचते हैं और कैकेई से शुभ घड़ी में रुठने की वजह पूछते हैं। कैकेई राम के राजतिलक का विरोध करती हैं। कैकई ने मंथरा के भड़काने पर एक युद्ध के दौरान दिए हुए वचन की याद दिलाते हुए राजा दशरथ से भरत को राजगद्दी और राम को चौदह वर्ष का वनवास मांगती हैं। कैकई के वरदान मांगने के बाद भगवान राम, भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ वनवास को चले गए। वहीं राजा दशरथ केवल राम-राम की रट लगाते रहते हैं। उनका करुण क्रंदन सुनकर मौजूद दर्शकों की आंखें नम हैं। इसके साथ ही ‘राम-राम कही राम कही, राम-राम कहि राम, तनु परिहरि रघुवर विरह, राउ गयउ सुरधाम कहते हुए राजा दशरथ ने देह त्याग दिया। समूचा राजमहल विलाप की ध्वनि से गूंजने लगता है। गुरु वशिष्ठ आकर सभी को सांत्वना देते हैं। भरत जी को सूचना देकर बुलाया जाता है। जब भरत जी आते हैं और पूरा वृतांत सुनते ही अपनी माता पर क्रोधित हो जाते हैं। इस प्रसंग का संजीव मंचन कर कलाकारों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस मौके पर मेला कमेटी अध्यक्ष मिटठनलाल शर्मा, प्रधान विपिन यादव, साधन सहकारी समिति अध्यक्ष पंकज वर्मा, विनीत यादव, जनार्दन सक्सेना, रंजीत यादव, हरिओम यादव, हंस राम वर्मा, गोपाली, सतीश शर्मा, राम सेवक सक्सेना, आशीष कुमार कश्यप सहित तमाम दर्शक उपस्थित रहे।

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