
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क लखनऊ : भारतीय संविधान के शिल्पकार, महान शिक्षाविद, देश के पहले कानून मंत्री और भारत रत्न डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर की 134वीं जयंती के उपलक्ष्य में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय, लखनऊ में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस आयोजन का संचालन शहर कांग्रेस कमेटी लखनऊ के अध्यक्ष अमित श्रीवास्तव त्यागी ने किया।
कार्यक्रम की शुरुआत कांग्रेसजनों द्वारा डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई। इस दौरान उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान उपाध्यक्ष दिनेश सिंह, मीडिया विभाग के चेयरमैन व पूर्व मंत्री डॉ. सी.पी. राय, पूर्व मंत्री राज बहादुर, शहर अध्यक्ष अमित श्रीवास्तव त्यागी, डॉ. शहजाद आलम और बृजेन्द्र सिंह सहित कई नेताओं ने डॉ. अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
संगोष्ठी में वक्ताओं ने डॉ. अंबेडकर के योगदान को याद करते हुए कहा कि वह न केवल एक स्वतंत्रता सेनानी थे, बल्कि एक महान अर्थशास्त्री, कानून विशेषज्ञ और समाज सुधारक भी थे। पूर्व मंत्री राज बहादुर ने कहा कि बाबा साहब की दूरदर्शी सोच और न्यायपूर्ण दृष्टिकोण ने भारत को एक सशक्त और समावेशी लोकतंत्र बनाया। उन्होंने संविधान के माध्यम से वंचित वर्गों के अधिकारों को सुनिश्चित किया।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री डॉ. सी.पी. राय ने वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी संविधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है, जो लोकतंत्र के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं और पार्टी का हर कार्यकर्ता इस संघर्ष में उनके साथ है।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. शहजाद आलम ने कहा कि डॉ. अंबेडकर केवल संविधान निर्माता नहीं थे, बल्कि सामाजिक बदलाव के अग्रदूत भी थे। उन्होंने समानता और सामाजिक न्याय के लिए आजीवन संघर्ष किया।
कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता उपस्थित रहे, जिनमें मनोज यादव, डॉ. लालती देवी, राजेन्द्र शुक्ला, डॉ. जियाराम वर्मा, मंजूदीप रावत, सभाजीत यादव, हसन अब्बास सहित अनेक नेताओं ने डॉ. अंबेडकर के विचारों और योगदान पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी, एडवोकेट प्रदीप सिंह, सचिन रावत, नरेन्द्र दत्त त्रिपाठी, सुशीला शर्मा, शीला मिश्रा, डॉ. रिचा शर्मा, डॉ. अजय शुक्ला, तनवीर फातिमा, निहारिका सिंह, गजाला सिद्दीकी समेत भारी संख्या में कांग्रेसजन उपस्थित रहे और बाबा साहब को श्रद्धांजलि अर्पित की।
यह आयोजन न केवल डॉ. अंबेडकर के विचारों को स्मरण करने का अवसर था, बल्कि वर्तमान सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य में उनके संविधानिक मूल्यों को बचाने की प्रतिबद्धता का भी प्रतीक रहा।