
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क पलियाकला खीरी : पलिया नगर में संपन्न हुआ 14 वा गुलशन रजा कॉन्फ्रेंस में संबोधन करते हुए मुफ्ती गुलफाम ने कहा कि शादियों में फिजूल खर्ची व दहेज प्रथा को खत्म कर शादियों को आसान करा जाए। शादियों में डीजे आतिशबाजी सैकड़ो की तादाद में बाराती ले जाना यह सब नहीं होना चाहिए। इसमें आने वाले खर्चे से अगर किसी गरीब बेटी की शादी में खर्च कर दिया जाए तो एक तो बेटी की शादी हो जाएगी और आप भी गलत काम से बच जाएंगे। क़ौम को चाहिए कि पैगंबर ए इस्लाम की सुन्नत के मुताबिक अपना जीवन जीना चाहिए। आज के दौर में शादियों को इतना महंगा कर दिया गया है। कि क़ौम में तमाम से वह लोग भी हैं जिनको अपना जीवन जीने में कठिनाइयां आती है वह लोग इतनी महंगी शादियां कैसे करेंगे इसलिए उनकी बेटियां आज भी घर पर ही बैठी है। वही कारी निसार अहमद अपनी बात रखते हुए शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज के दौर में दीनी तालीम के साथ दुनिया की तालीम जरूर हासिल करना चाहिए। इसके लिए हमारे पैगंबर ने फरमाया है कि शिक्षा हासिल करने के लिए अगर सात समुंदर पार भी जाना पड़े तो जाया जाए। शिक्षा एक ऐसा हथियार है जिसको हासिल करने के बाद इंसान अपने हक अधिकार के लिए किसी से भी लड़ सकता है। अशिक्षित इंसान के जीवन में अंधेरे के सिवा कुछ नहीं होता है। आज जिन पांच बच्चों को हिफ्ज ए कुरान की दस्तार मिली है आगे चलकर या बच्चे शिक्षा फैलाने का काम करेंगे। शायर ए इस्लाम गुलाम नूर ए मुजस्सम ने इस्लाम था इस्लाम है इस्लाम रहेगा जैसे तमाम कलाम पढ़ कर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। वहीं गुलशन ए रजा कॉन्फ्रेंस का संचालन करते हुए। अशरफ बिलाली ने कहा कि हिंदुस्तान हमारा मुल्क है और इस मुल्क की आजादी के लिए हमारे तमाम से उलमाओं शहादत दी है। और हमारा इस्लाम धर्म भी या कहता है वतन के लिए हमेशा वफादार रहो। आखिर दुआएं खैर सैयद खुर्शीद मियां ने की मदरसा गुलशन रजा के प्रबंधक कारी जाकिर अली ने कॉन्फ्रेंस में आए हुए सभी लोगों के प्रति अपना आभार प्रकट किया। इस मौके पर मुख्य रूप से सैयद खालिद मियां मौलाना आफाक आलीम महमूद रज़ा हाफिज अशरफ अफसर अली गुलाम सरवर मोहम्मद उमर अनबार अली मोइनुद्दीन सैयद मोहम्मद साफे मोहम्मद हफीज मेहराब अंसारी आरिफ जीशान जान मो०इकराम अली मजीद खान आदि मौजूद रहे।