लखनऊ । उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशो के क्रम में मनरेगा जाब कार्ड धारकों को उनके आधार से लिंक किये जाने से मनरेगा श्रमिकों का भुगतान आसानी से और पूरी पारदर्शिता के साथ उनके खातों में हो रहा है।महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा में धांधली न हो सके, इसके लिए उप मुख्यमंत्री ने श्रमिकों के जॉब कार्ड को आधार से जोड़ने का निर्देश दिया था। मजदूरों का जॉब कार्ड आधार कार्ड से लिंक किया गया है,जिससे मजदूरी की धनराशि सीधे खाते में पहुंच रही है। आधार लिंक होने से श्रमिक की पहचान संबंधी पूरा विवरण सत्यापित हो जाता है। इसमें गड़बड़ी की संभावना खत्म हो जाती है। उच्चाधिकारियों द्वारा इसके लिए रोजगार सेवक, ग्राम पंचायत अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि वह अपने तैनाती वाले गांवों में श्रमिकों के आधार लेकर लिंक कराने का कार्य पूरा कर लें। जॉब कार्ड आधार से लिंक होने के बाद मजदूरों का भुगतान सीधा उनके खाते में पहुंच रहा है। महात्मा गांधी नरेगा के तहत लाभार्थियों को मजदूरी का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने और लाभार्थियों द्वारा बैंक खाता संख्या बार-बार बदलने और कार्यक्रम अधिकारियों द्वारा उसे अद्यतन न करने के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं के समाधान के लिए, आधार-आधारित भुगतान प्रणाली एबीपीएस को अपनाने का निर्णय लिया गया।सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा में श्रमिकों का शोषण न हो सके, उनके भुगतान में पादर्शिता रहे, इस उद्देश्य से सक्रिय सदस्यों के जॉब कार्ड को उनके आधार से लिंक करने का काम किया गया है, जिसका सीधा लाभ श्रमिकों को मिल रहा है। मजदूरी का पैसा आधार बेस्ड पेमेंट सिस्टम से उनके खाते में पहुंच रहा है। ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार मनरेगा योजना के अंतर्गत मनरेगा श्रमिकों के जॉब कार्ड को आधार के साथ लिंक होने की वर्तमान स्थिति की बात करें तो ऑल वर्कस की श्रेणी में प्रदेश भर में 23089296 श्रमिक हैं, जिनमें से 22385612 श्रमिक आधार से लिंक किये जा चुके हैं जो कि 96.95 फीसदी है। प्रदेश भर में 11847683 सक्रिय श्रमिक हैं ,जिनमें से 11843932 श्रमिक आधार से लिंक किये जा चुके हैं, जो कि 99.97 फीसदी है। आधार बेस्ड पेमेंट सिस्टम,सरकार की मंशा के अनुरूप मनरेगा श्रमिकों को तकनीकी के बेहतर इस्तेमाल से उन्हें एक पारदर्शी प्रक्रिया से जोड़ने का काम किया जा रहा है। श्रमिकों को उनकी मेहनत-मजदूरी का पैसा सीधे उनके खाते में जा सके, इसलिए उन्हें आधार बेस्ड पेमेंट सिस्टम से जोड़ा गया है। इससे मजदूरों को भुगतान के लिये इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता और उनका पारिश्रमिक सीधे उनके खाते में पहुंच जाता है।

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