राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़

कानपुर जिले से दिल्ली जा रही आम्रपाली एक्सप्रेस में उस वक्त हड़कंप मच गया जब ट्रेन में बम होने की झूठी सूचना मिली। इस फर्जी कॉल के बाद ट्रेन को कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर रोकना पड़ा और वहां भारी पुलिस बल, बम स्क्वॉड और फायर ब्रिगेड की टीम तैनात कर दी गई। जांच में कोई बम नहीं मिला, लेकिन इस अफवाह ने यात्रियों और पुलिस दोनों को परेशान कर दिया। अब पुलिस ने इस मामले में कानपुर के घाटमपुर इलाके से दो सगे भाइयों दीपक चौहान और अंकित चौहान को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में उन्होंने जो बताया, वो हैरान कर देने वाला है।

क्या हुआ था?
गुरुवार और शुक्रवार की दरम्यानी रात को रेलवे हेल्पलाइन पर एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने कहा कि “काले कपड़े पहने 12 संदिग्ध लोग” आम्रपाली एक्सप्रेस में चढ़े हैं और उन्होंने जनरल डिब्बे में बम रखा है। इस कॉल के तुरंत बाद पुलिस, रेलवे सुरक्षा बल (RPF), बम निरोधक दस्ते और ATS समेत तमाम एजेंसियां एक्टिव हो गईं।

ट्रेन की तीन बार ली गई तलाशी
40 मिनट तक ट्रेन की गहन तलाशी हुई। बम निरोधक दस्ते ने तीन बार ट्रेन को खंगाला लेकिन कोई विस्फोटक या संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। इसके बाद ट्रेन को रवाना कर दिया गया।

कौन थे कॉल करने वाले?
पुलिस ने जांच के बाद कॉल करने वाले की पहचान की। आरोपी हैं दीपक चौहान और अंकित चौहान, जो घाटमपुर (कानपुर) के रहने वाले हैं। दोनों को शुक्रवार दोपहर फेथफुलगंज से गिरफ्तार किया गया,

चौंकाने वाला कारण: ‘सीट नहीं मिली थी!’
पूछताछ में दोनों भाइयों ने बताया कि वे आम्रपाली एक्सप्रेस में सफर कर रहे थे लेकिन जनरल डिब्बा पूरी तरह भरा था। भीड़भाड़ के कारण सीट नहीं मिल पाई, जिससे गुस्से में आकर उन्होंने झूठी बम की कॉल कर दी ताकि ट्रेन रोकी जाए। उनका मकसद डिब्बा खाली करवाने का था, ना कि कोई आतंकी हरकत।

क्या कहा पुलिस ने?
ACP आकांक्षा पांडे ने बताया कि दोनों आरोपियों ने झूठी कॉल करने की बात कबूल कर ली है। उन्होंने कहा कि भीड़ और सीट न मिलने के कारण गुस्से में आकर ऐसा किया। दोनों को गिरफ्तार कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

अब क्या हो सकता है?
झूठी बम धमकी देना गंभीर अपराध है। आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की कड़ी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। रेलवे और पुलिस दोनों की ओर से सख्त कार्रवाई की जा सकती है।

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