
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से कहा कि भारत आपसी विश्वास, सम्मान एवं संवेदनशीलता के आधार पर चीन के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है क्योंकि दोनों देशों के बीच सहयोग 2.8 अरब लोगों के कल्याण से जुड़ा है। मोदी ने टेलीविजन पर प्रसारित अपने वक्तव्य की शुरुआत में कहा कि दोनों पक्षों द्वारा सीमा से सैनिकों को पीछे हटाए जाने से शांति और स्थिरता का माहौल बना। उत्तरी चीन के इस शहर में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के वार्षिक शिखर सम्मेलन के इतर दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले प्रशासन की शुल्क संबंधी नीति से पैदा हुई उथल पुथल की पृष्ठभूमि में हुई।
मोदी ने कहा, ‘‘हमारा सहयोग दोनों देशों के 2.8 अरब लोगों के हितों से जुड़ा है। इससे समस्त मानवता के कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त होगा।” उन्होंने कहा, ‘‘हम आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” ऐसा समझा जाता है कि मोदी-शी वार्ता का मुख्य उद्देश्य उन द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना रहा जिनमें पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध के बाद गंभीर तनाव पैदा हो गया था। मोदी दो देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में शनिवार शाम जापान से यहां पहुंचे। यह मई 2020 में शुरू हुए पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद के बाद मोदी की चीन की पहली यात्रा है। मोदी ने अपने संबोधन में पिछले साल अक्टूबर में शी चिनफिंग के साथ हुई अपनी बैठक के बाद से दोनों पक्षों द्वारा शुरू किए गए कदमों का भी जिक्र किया।