राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क। जापान में रविवार को ऊपरी सदन के लिए हुए चुनाव के एग्जिट पोल सामने आ रहे हैं। इन एग्जिट पोल के अनुसार प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा को सत्ता गंवानी पड़ सकती है, जिससे राजनीतिक अस्थिरता बढ़ने की आशंका है। चुनाव में महंगाई, घटती आमदनी और चावल की बढ़ती कीमतें प्रमुख मुद्दे बने, जिससे मतदाता सरकार से नाराज दिखे।जापान में रविवार को ऊपरी सदन के लिए मतदान हुए। एग्जिट पोल के अनुसार प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा की सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार के ऊपरी सदन में बहुमत खोने की संभावना है। इससे अमेरिका के साथ टैरिफ की समयसीमा नजदीक आने के कारण विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में राजनीतिक अस्थिरता पैदा होने संभावना बढ़ गई है। हालांकि, मतदान से सीधे तौर पर यह तय नहीं होगा कि प्रधानमंत्री इशिबा की अल्पमत सरकार गिरेगी या नहीं, लेकिन इससे उन पर दबाव बढ़ जाएगा, क्योंकि एलडीपी ने पिछले साल अक्तूबर में हुए निचले सदन के चुनाव में 15 वर्षों में अपना सबसे खराब प्रदर्शन किया था।विशेषज्ञों का मानना है कि यदि बहुमत नहीं मिलता तो एलडीपी के भीतर ही इशिबा को हटाने की मांग तेज हो सकती है। रविवार को जापान की संसद के उच्च सदन की 248 सीटों में से 125 सीटों के लिए मतदान हुए। शुरुआती नतीजे रविवार देर रात आने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री इशिबा की पार्टी एलडीपी और उनकी सहयोगी कोमितो को बहुमत के लिए 50 सीटें जीतनी होंगी। हालांकि पहले से उनके पास 75 सीटें हैं।उच्च सदन के सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है, जबकि प्रतिनिधि सभा के सदस्यों का कार्यकाल प्रधानमंत्री द्वारा भंग किया जा सकता है। जापान में उच्च सदन के आधे सदस्यों को हर तीन साल में होने वाले चुनावों में बदल दिया जाता है ताकि पूर्ण परिवर्तन को रोका जा सके। 75 सीटों का चुनाव निर्वाचन क्षेत्रों में और 50 सीटों का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व के माध्यम से किया जाता है। चुनाव में बढ़ती महंगाई और घटती आय बड़ा मुद्दा है। मतदाता सामाजिक सुरक्षा भुगतान का बोझ, निराश और नकदी की कमी, विदेशी निवासियों और पर्यटकों के लिए कड़े कदम का मुद्दा उठा रहे हैं। वहीं चावल की कीमतें सप्लाई की कमी और वितरण तंत्र की जटिलता के कारण दोगुनी हो चुकी हैं। इस वजह से बाजारों में पैनिक बाइंग देखी जा रही है। इस मुद्दे पर एक कृषि मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा, जिसके बाद शिंजिरो कोइजुमी को नियुक्त किया गया। उन्होंने भंडारण से चावल रिलीज कर हालात को संभालने की कोशिश की है, लेकिन प्रभाव सीमित है।

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