कर्नाटक में बाजार में बिक रहे अंडों में एंटीबायोटिक के उपयोग की खबरों के बाद सरकार ने व्यापक जांच के आदेश दिए हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने सोमवार को बताया कि एक विशेष अंडा ब्रांड में एंटीबायोटिक के इस्तेमाल की जानकारी सामने आई है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने जनता को आश्वस्त किया कि घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है और वैज्ञानिक परीक्षण के जरिए सच्चाई सामने लाई जाएगी।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बाजार में उपलब्ध अंडों की गुणवत्ता और सामग्री की जांच के लिए पहले ही नमूने एकत्र किए जा चुके हैं और उन्हें प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए भेजा गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अंडे सामान्य तौर पर स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं, लेकिन यदि उनकी गुणवत्ता को लेकर कोई संदेह है तो उसका समाधान केवल वैज्ञानिक परीक्षण से ही संभव है।

दिनेश गुंडू राव ने कहा, “ऐसी जानकारी मिली है कि एक विशेष अंडा ब्रांड एंटीबायोटिक का इस्तेमाल कर रहा है। मैंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अंडों की सामग्री को लेकर स्पष्ट जानकारी जुटाएं।” उन्होंने यह भी बताया कि पिछले वर्ष सितंबर और अक्टूबर में राज्यभर से 125 अंडों के नमूने लिए गए थे, जिनमें से 124 पूरी तरह सुरक्षित पाए गए और केवल एक नमूने में खामी मिली थी। इसका मतलब है कि स्थिति गंभीर नहीं है, लेकिन सतर्कता जरूरी है।

स्वास्थ्य विभाग और भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने भी जांच तेज कर दी है। कर्नाटक के विभिन्न बाजारों से, खासकर ब्रांडेड अंडों के नमूने इकट्ठा किए जा रहे हैं। शुरुआती चरण में ग्रेटर बेंगलुरु क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया है, जहां RR नगर, केंगेरी, बीटीएम लेआउट, कोरमंगला, यशवंतपुर, वसंत नगर, संजय नगर, चामराजपेट, हेब्बल, केआर पुरम और मैसूर रोड समेत 50 से अधिक स्थानों से नमूने लिए गए हैं।

अधिकारियों के मुताबिक, अब तक पूरे राज्य से 150 से अधिक अंडों के नमूने एकत्र किए जा चुके हैं, जिनमें से करीब 50 नमूने अकेले बेंगलुरु से लिए गए हैं। इन सभी नमूनों को विस्तृत प्रयोगशाला जांच के लिए भेजा गया है और रिपोर्ट आने में लगभग 14 दिन का समय लग सकता है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद उसके नतीजे सार्वजनिक किए जाएंगे। यदि किसी तरह की अनियमितता पाई जाती है, तो न केवल संबंधित ब्रांड के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, बल्कि अन्य अंडा ब्रांड्स की भी जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा। सरकार का उद्देश्य उपभोक्ताओं की सेहत की सुरक्षा सुनिश्चित करना और बाजार में बिकने वाले खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता को लेकर किसी भी तरह की शंका को दूर करना है।

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