अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान से खनिज खजाने की पहली खेप मिलने के बाद रक्षा सौदे  से मुकरते नजर आ रहे हैं। अमेरिकी दूतावास ने हाल ही में पाकिस्तानी मीडिया में आई खबरों का खंडन करते हुए कहा है कि पाकिस्तान को AIM-120 एडवांस्ड मीडियम‑रेंज एयर‑टू‑एयर मिसाइल (AMRAAM) की कोई आपूर्ति नहीं की जाएगी। पाकिस्तान मीडिया में यह रिपोर्ट सामने आई थी कि अमेरिका ने पाकिस्तान को AIM-120 के C8 और D3 वेरिएंट की डिलीवरी को मंजूरी दी है, जो उसके F‑16 फाइटर जेट बेड़े की क्षमता बढ़ा सकती थी। अमेरिका ने इस दावे को पूरी तरह गलत बताया और स्पष्ट किया कि हालिया रक्षा अनुबंध में पाकिस्तान की मौजूदा क्षमताओं को बढ़ाने का कोई प्रावधान नहीं है। अमेरिकी दूतावास, नई दिल्ली ने बयान जारी करते हुए कहा कि अनुबंध केवल पुराने समझौतों में तकनीकी बदलाव, रखरखाव और स्पेयर‑पार्ट्स की आपूर्ति तक सीमित है।

पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया था कि रेथियॉन कंपनी के साथ लगभग $2.5 अरब के सौदे के तहत पाकिस्तान को AIM-120 C8 और D3 वेरिएंट मिलेंगे और उनकी डिलीवरी मई 2030 तक पूरी होगी। यह मिसाइल पाकिस्तान की वायु सेना के लिए बड़ी ताकत साबित हो सकती थी। लेकिन अमेरिकी रक्षा विभाग ने स्पष्ट किया कि यह पूरी जानकारी गलत थी। AIM-120 AMRAAM एक अत्याधुनिक फायर‑एंड‑फॉरगेट एयर‑टू‑एयर मिसाइल है। इसमें सक्रिय रडार गाइडेंस सिस्टम है, जो इसे हर मौसम में, दिन और रात दोनों समय प्रभावी बनाता है। यह मिसाइल सॉलिड-फ्यूल रॉकेट मोटर से संचालित होती है और लगभग 4,900 किमी/घंटा की गति से उड़ सकती है। AIM-120 एक साथ कई लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम है और अमेरिकी वायु सेना की प्रमुख एयर‑टू‑एयर हथियार प्रणाली का हिस्सा है।

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