राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क। मराठा शासकों द्वारा परिकल्पित असाधारण किलेबंदी और सैन्य व्यवस्था का प्रतिनिधित्व करने वाले ‘मराठा सैन्य परिदृश्य’ को शुक्रवार (11 जुलाई, 2025) को प्रतिष्ठित यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया, संयुक्त राष्ट्र निकाय ने X पर एक पोस्ट में इसकी घोषणा की।महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि मराठा शासकों की किलेबंदी प्रणाली का प्रतिनिधित्व करने वाले मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया जाना राज्य के लिए गौरवशाली क्षण है। यह निर्णय पेरिस में आयोजित विश्व धरोहर समिति (डब्ल्यूएचसी) के 47वें सत्र के दौरान लिया गया।मराठा शासकों के 12 किलों को यह दर्जा दिया गया, जिनमें महाराष्ट्र में साल्हेर किला, शिवनेरी किला, लोहगढ़, खंडेरी किला, रायगढ़, राजगढ़, प्रतापगढ़, स्वर्णदुर्ग, पन्हाला किला, विजय दुर्ग और सिंधुदुर्ग तथा तमिलनाडु में जिंजी किला शामिल हैं। फडणवीस ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा, महाराष्ट्र सरकार हमारे प्रिय छत्रपति शिवाजी महाराज को नमन करती है!! महाराष्ट्र के सभी नागरिकों और शिवभक्तों को हार्दिक बधाई।उन्होंने कहा, मुझे यह बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि हमारे महानतम राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया जाना राज्य के लिए ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व व गौरव की बात है। पवार ने कहा कि ये किले छत्रपति शिवाजी महाराज और मराठा योद्धाओं की वीरता, बलिदान और दूरदर्शिता के साक्षी हैं और अब उनकी विरासत को वैश्विक स्तर पर पहचान और सम्मान मिलेगा।

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