
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ । प्रधानमंत्री ने कहा था कि असली विकास तभी होगा, जब बुनियादी ढांचा देश के सुदूर इलाकों तक पहुंचे, चाहे वह सीमावर्ती क्षेत्र हों या दूर-दराज के राज्य। उनकी एक दृष्टि यह भी थी कि हर राज्य की राजधानी को रेल से जोड़ा जाए।आज मिजोरम के लिए ऐतिहासिक दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूवोत्तर राज्य की राजधानी आइजोल पहुंच गए हैं। हालांकि, भारी बारिश की वजह से प्रधानमंत्री लेंगपुई हवाई अड्डे से हेलीकॉप्टर के जरिए लामुअल ग्राउंड तक नहीं पहुंच सके। रात से ही रुक-रुक कर बारिश हो रही है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिजोरम के बहुप्रतीक्षित बैराबी–सैरांग रेलवे लाइन का आज उद्घाटन करेंगे। सैरांग रेलवे स्टेशन पर तैयारियां जोरों पर है। इससे पहले प्रधानमंत्री ने कहा था कि असली विकास तभी होगा, जब बुनियादी ढांचा देश के सुदूर इलाकों तक पहुंचे, चाहे वह सीमावर्ती क्षेत्र हों या दूर-दराज के राज्य। उनकी एक दृष्टि यह भी थी कि हर राज्य की राजधानी को रेल से जोड़ा जाए।आजादी के 78 वर्षों और भारतीय रेलवे के शुरू होने के 172 वर्षों के बाद मिजोरम आज रेलवे से जुड़ने के साथ ही देश की राजधानी से जुड़ने जा रहा है। यह पहली बार है, जब मिजोरम के लोग रेल की सीटी सुनेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने आइजोल में 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईस्ट एक्ट नीति के चलते ये परियोजनाएं रेलवे, सड़क, ऊर्जा, खेल समेत कई क्षेत्रों को कवर करती हैं।प्रधानमंत्री मिजोरम की राजधानी आइजोल को भारतीय रेलवे नेटवर्क से पहली बार जोड़ने वाली बैराबी–सैरांग नई रेल लाइन (8,070 करोड़ रुपए) का उद्घाटन करेंगे। 51.38 किलोमीटर लंबी बैराबी–सैरांग रेल लाइन पूर्वोत्तर के सबसे दुर्गम इलाकों से होकर बनाई गई है। इस परियोजना में कुल 48 सुरंगें (12 किलोमीटर से अधिक लंबाई) और 142 पुल शामिल हैं। इनमें पुल संख्या 196 सबसे खास है, जिसकी ऊंचाई 104 मीटर है—यानी कुतुब मीनार से भी ऊंचा। यह इस रूट का सबसे ऊंचा पुल है और भारतीय रेल का दूसरा सबसे ऊंचा पियर ब्रिज। रेल मार्ग को भविष्य में 223 किलोमीटर आगे म्यांमार सीमा तक बढ़ाया जाएगा, जिससे कलादान प्रोजेक्ट का भी फायदा उठाया जा सकेगा। इससे मिजोरम को देशभर से सीधी रेल कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे लोगों को सुरक्षित, सस्ती और तेज यात्रा का विकल्प मिलेगा। साथ ही खाद्यान्न, उर्वरक और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी समय पर और विश्वसनीय तरीके से हो सकेगी।प्रधानमंत्री तुइकुआल में खेलो इंडिया मल्टीपर्पज इंडोर हॉल का शिलान्यास करेंगे। यह आधुनिक खेल सुविधाएं उपलब्ध कराएगा और युवाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करेगा। ऊर्जा क्षेत्र को सशक्त करने के लिए 30 हजार मीट्रिक टन प्रतिवर्ष क्षमता वाला एलपीजी बॉटलिंग प्लांट मुअलखांग (आइजोल) में बनेगा। इससे मिजोरम और पड़ोसी राज्यों को रसोई गैस की निरंतर और विश्वसनीय आपूर्ति होगी, साथ ही स्थानीय रोजगार भी बढ़ेगा।