उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में पुलिस की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला एक गंभीर मामला सामने आया है। पीड़ित महिला से आपत्तिजनक व्हाट्सएप चैटिंग और अनैतिक व्यवहार के आरोप में ऐट थाना में तैनात दरोगा नरेंद्र कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई शिकायत सामने आने के बाद उच्च स्तर पर की गई, जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।

मामले की शुरुआत तब हुई, जब एक पीड़ित महिला अपने पारिवारिक विवाद को लेकर दरोगा नरेंद्र कुमार के संपर्क में थी। महिला का आरोप है कि न्याय दिलाने में मदद करने के बजाय दरोगा उस पर समझौते का अनैतिक दबाव बनाने लगा। आरोप है कि बातचीत के दौरान उसने मर्यादा की सारी सीमाएं लांघ दीं और महिला को आपत्तिजनक व्हाट्सएप संदेश भेजने शुरू कर दिए।

पीड़िता ने जुटाई हिम्मत, सबूतों के साथ पहुंची आईजी के पास

दरोगा के कथित व्यवहार से आहत और परेशान महिला ने आखिरकार साहस जुटाया और जनसुनवाई के दौरान आईजी के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज कराई। महिला ने दरोगा के साथ हुई पूरी चैटिंग के स्क्रीनशॉट और अन्य साक्ष्य भी अधिकारियों को सौंपे, जिससे मामला और गंभीर हो गया।

प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए तत्काल कार्रवाई

मामले की गंभीरता और उपलब्ध साक्ष्यों को देखते हुए आईजी ने सख्त रुख अपनाया और दरोगा नरेंद्र कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए। इस त्वरित कार्रवाई के बाद पुलिस विभाग में हलचल तेज हो गई है।

आईजी का सख्त संदेश- दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं

जनसुनवाई के बाद आईजी आकाश कुलहरि ने कोतवाली उरई का निरीक्षण भी किया और अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया कि पीड़ितों के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार, अनुशासनहीनता या पद का दुरुपयोग किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

आईजी ने कहा कि पुलिस का मूल कर्तव्य लोगों को न्याय दिलाना है, न कि उनकी मजबूरी का फायदा उठाना। उन्होंने साफ किया कि जांच में यदि और तथ्य सामने आते हैं, तो संबंधित दरोगा के खिलाफ और भी कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *