राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क। शिवसेना के विधायक संजय गायकवाड़ द्वारा विधायक हॉस्टल की कैंटीन कर्मचारी पर हिंसा के मामले ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है। इस पर विरोध जताते हुए महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के विधायकों ने महाराष्ट्र विधान भवन के बाहर बनियान और तौलिया पहनकर जोरदार प्रदर्शन किया। विपक्ष ने इसे ‘गुंडा राज’ करार देते हुए सरकार पर ऐसे गुंडों को संरक्षण देने का आरोप लगाया।शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ द्वारा विधायक हॉस्टल की कैंटीन में कर्मचारी पर हाथ उठाने के मामले में सियासी गर्माहट अपने चरम पर है। इसी सिलसिले में बुधवार को महाराष्ट्र विधान भवन के बाहर विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के विधायकों ने बनियान तौलिया प्रदर्शन किया।इस विरोध प्रदर्शन के दौरान सभी विधायकों ने अपनी पोशाक के ऊपर बनियान और तौलिया पहनकर जोर-जोर से नारे लगाए। साथ ही कहा कि राज्य में गुंडा राज चल रहा है। विपक्ष के नेता और राज्य विधान परिषद में विपक्ष के नेता अम्बादास दानवे ने कहा कि गायकवाड़ का कैंटीन कर्मचारी पर हमला यह दिखाता है कि सरकार भी ऐसे लोगों को संरक्षण दे रही है।
विपक्षी विधायकों ने क्या कहा?
विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस के विधायक विजय वडेट्टीवार ने कहा कि यह दिखाने की जरूरत है कि सरकार के विधायक कैसे गुंडों की तरह व्यवहार करते हैं। गायकवाड़ का यह कृत्य शर्मनाक है और उन्हें सजा मिलनी चाहिए। वहीं राष्ट्रीय जनता दल (सपा) के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने बताया कि उन्होंने यह विरोध प्रदर्शन इसलिए किया है ताकि जनता को यह पता चले कि सत्ता में बैठे लोग किस प्रकार के व्यवहार करते हैं।उन्होंने कहा कि गायकवाड़ ने जिस बनियान और तौलिया पहनकर हमला किया, उसी अंदाज में हम भी प्रदर्शन कर रहे हैं ताकि दिखा सकें कि हमारे नेतृत्व का स्तर कितना नीचे गिर गया है। कुल मिलाकर विपक्षी विधायकों ने संजय गायकवाड़ को विधानसभा से निलंबित करने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।
क्या है पूरा मामला, समझिए
दरअसल, ये पूरा मामला तब शुरू हुआ, जब बीते दिनों शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह एमएलए हॉस्टल की कैंटीन में ठेकेदार को बासी खाना देने के कारण गाली देते हुए उसे थप्पड़ और मुक्के मारते दिख रहे हैं। वीडियो में गायकवाड़ बनियान पहने हुए और कमर में तौलिया लपेटे हुए दिखाई दे रहे हैं।उन्होंने कैंटीन के कर्मचारी को दलिया की पैकेट सूंघने के लिए भी मजबूर किया। इस हमले के बाद गायकवाड़ दोनों ही पक्षों से आलोचना का सामना कर रहे हैं। विपक्ष ने इसे सरकार के खिलाफ गंभीर मामला बताया है और कहा कि ऐसे व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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