
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क। विपक्षी दलों के सांसदों ने बिहार में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर बुधवार को भी लोकसभा में हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में तख्तियां लेकर प्रदर्शन करने वाले सांसदों पर निर्णायक कार्रवाई की चेतावनी देते हुए बुधवार को नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से कहा कि वे सड़कों का आचरण संसद के भीतर कर रहे हैं, जबकि वो ‘माननीय’ हैं और उनका व्यवहार ‘माननीय’ जैसा ही होना चाहिए।संसद के मानसून सत्र के तीसरे दिन निचले सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही विपक्षी दलों के सदस्य पहले दो दिन की तरह ही हंगामा करने लगे। विपक्षी सांसदों ने आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी की और तख्तियां लहराईं, जिन पर एसआईआर विरोधी नारे लिखे हुए थे।उन्होंने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कवायद, पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर को रोकने और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावों समेत कुछ विषयों पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा किया। लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों ने अपने स्थान पर जाने और सदन चलने देने की अपील की।उन्होंने विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘‘संसद लोकतंत्र की सर्वोच्च संस्था है। आपसे मेरा आग्रह रहता है कि संसद और संसद परिसर के अंदर आपका व्यवहार, आचरण और कार्यपद्धति मर्यादित होनी चाहिए। देश की जनता ने आप लोगों को अपनी आवाज, कठिनाई, चुनौतियों, देश से जुड़ें मुद्दों और नीतियों पर चर्चा के लिए भेजा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप सड़कों का आचरण-व्यवहार संसद में कर रहे हैं। देश यह देख रहा है। आप जिन राजनीतिक दलों से हैं, उनके नेताओं से भी कहना चाहता हूं कि देश उनके सदस्यों के आचरण और कार्यपद्धति को देख रहा है।’’ बिरला का कहना था कि वह हर मुद्दे और विषय पर नियम एवं प्रक्रिया के तहत चर्चा कराने के लिए तैयार हैं। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आप माननीय हो और माननीय जैसा व्यवहार करो।’’ बिरला ने यह चेतावनी भी दी, ‘‘मुझे सदन में तख्तियां लेकर आने वाले सांसदों पर निर्णायक कार्रवाई करनी पड़ेगी।’’ हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने करीब 11 बजकर 10 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण बुधवार को राज्यसभा की बैठक शुरु होने के कुछ ही देर बाद दोपहर बारह बजे तक स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से सदन में शून्यकाल नहीं हो पाया। उच्च सदन की बैठक शुरु होने पर उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने सूचित किया कि नियत कामकाज स्थगित कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए उन्हें नियम 267 के तहत 25 नोटिस मिले हैं।