
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क। कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल ने शनिवार को राज्य विधानमंडल परिसर में दो विधायकों के समर्थकों के बीच हुई हाथापाई के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को जिम्मेदार ठहराया और प्रायश्चित के तौर पर उनके इस्तीफे की मांग की।उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा नीत सरकार से विशेष लोक सुरक्षा विधेयक पारित करने पर भी सवाल किया और जानना चाहा कि क्या यह कानून बजरंग दल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर भी लागू होगा।राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) विधायक जितेंद्र आव्हाड और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक गोपीचंद पडलकर के समर्थकों के बीच बृहस्पतिवार शाम दक्षिण मुंबई स्थित विधान भवन परिसर में उस समय झड़प हो गई, जब सदन की कार्यवाही चल रही थी। दोनों समूहों द्वारा एक-दूसरे पर हमला करने और सुरक्षाकर्मियों द्वारा उन्हें अलग करने के चौंकाने वाले वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिससे सरकार को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा।इस मुद्दे पर सपकाल ने कहा, “विधान भवन परिसर में हुई हाथापाई के लिए मुख्यमंत्री फडणवीस जिम्मेदार हैं। उन्हें प्रायश्चित के तौर पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।” भाजपा पर विपक्षी सदस्यों को निशाना बनाने के लिए “गुंडों और बदमाशों” को पालने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि वही संस्कृति अब विधानमंडल के पवित्र परिसर में प्रवेश कर गई है।उन्होंने कहा, “मानसून सत्र के दौरान जनता ने जो देखा, वह लोकतंत्र का खेल नहीं, बल्कि एक शर्मनाक तमाशा था। लोग अपने प्रतिनिधियों को किसानों की समस्या, बेरोजगारी, महिला सुरक्षा और फसल बीमा जैसे मुद्दों पर बोलने के लिए विधानमंडल में भेजते हैं। फिर भी, इनमें से किसी पर भी सार्थक चर्चा नहीं हुई। इसके बजाय, सत्र विधान भवन के अंदर एक अभूतपूर्व मारपीट से प्रभावित हुआ।” सपकाल ने इस घटना की तुलना डब्ल्यूडब्ल्यूई मैच से की और लोकतांत्रिक संस्थाओं में ऐसी “हिंसक संस्कृति” लाने के लिए फडणवीस को दोषी ठहराया। सपकाल ने कहा, “भाजपा ने जो बोया है, वही काट रही है। जिस गुंडागर्दी की संस्कृति को उसने बढ़ावा दिया था, वही अब उसके खिलाफ हो रही है। महाराष्ट्र की जनता नाराज है, लेकिन सत्ता में बैठे लोग इससे बेखबर हैं, क्योंकि वे सत्ता के शिखर पर बैठे हैं।