राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क

असम के श्रीभूमि जिले में कांग्रेस की एक बैठक के दौरान ‘आमार शोनार बांग्ला’ गीत गाए जाने पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। बीजेपी ने इस घटना को ‘देशद्रोह’ करार देते हुए जांच की मांग की है, जबकि कांग्रेस ने इसे ‘राजनीतिक साजिश’ बताया है। यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब हाल ही में बांग्लादेश ने एक किताब के कवर पर पूर्वोत्तर भारत के हिस्सों को अपने नक्शे में दिखाया था।

क्या हुआ था कांग्रेस की मीटिंग में
सोमवार को श्रीभूमि जिले के भंगा इलाके में कांग्रेस सेवादल की जिला कार्यकारिणी बैठक इंदिरा भवन में आयोजित की गई थी। बैठक की शुरुआत में सेवादल के पूर्व जिला चेयरपर्सन बिधु भूषण दास ने ‘आमार शोनार बांग्ला’ गीत गाया। यह गीत गाने के बाद बीजेपी ने जोरदार आपत्ति जताई और कांग्रेस पर ‘बांग्लादेश-परस्ती’ का आरोप लगाया।बीजेपी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय गौरव को ठेस पहुंचा रही है और वोट बैंक की राजनीति के लिए देश के हितों से समझौता कर रही है। पार्टी ने कहा, “अगर अब भी किसी को कांग्रेस का एजेंडा नजर नहीं आ रहा, तो वह या तो अंधा है या कांग्रेस का सहयोगी।

बीजेपी का हमला
असम बीजेपी ने अपने आधिकारिक X अकाउंट पर लिखा, “संकेत अब और स्पष्ट नहीं हो सकते। कुछ दिन पहले बांग्लादेश ने पूरे पूर्वोत्तर को निगलने वाला नक्शा छापा, और अब कांग्रेस असम में बांग्लादेश का राष्ट्रगान गा रही है। अगर कोई अब भी एजेंडा नहीं देख पा रहा, तो वह या तो अंधा है या सहयोगी।” असम के मंत्री अशोक सिंघल ने भी एक्स पर लिखा, “बांग्लादेश का राष्ट्रगान ‘आमार शोनार बांग्ला’ असम के श्रीभूमि में कांग्रेस की मीटिंग में गाया गया — वही देश जो पूर्वोत्तर को भारत से अलग करना चाहता है! अब साफ है कि कांग्रेस ने दशकों तक अवैध घुसपैठ को वोट बैंक के लिए बढ़ावा क्यों दिया।”

कांग्रेस का पलटवार
बीजेपी के आरोपों पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए इसे ‘राजनीति से प्रेरित विवाद’ बताया। जिला मीडिया सेल प्रमुख शहादत अहमद चौधरी ने सफाई दी, “बिधु भूषण दास ने पहले ही कहा था कि वे रवींद्रसंगीत गाएंगे। ‘आमार शोनार बांग्ला’ रवींद्रनाथ टैगोर की रचना है और यह मातृभूमि के प्रति प्रेम का गीत है, न कि किसी देश का समर्थन।” उन्होंने कहा कि दास हर स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराते हैं और यह आरोप बेबुनियाद है। समाजवादी पार्टी के नेता वीरेंद्र सिंह ने भी कांग्रेस का बचाव करते हुए कहा कि “बीजेपी बंगाली भाषियों को घुसपैठिया बताकर नफरत फैला रही है।”

क्या है बांग्लादेश के राष्ट्रगान का इतिहास?
‘आमार शोनार बांग्ला’ गीत रवींद्रनाथ टैगोर ने 1905 में लिखा था, जब ब्रिटिश सरकार ने बंगाल का पहला विभाजन किया था। यह गीत बंगाल के एकीकरण और मातृभूमि के प्रति प्रेम का प्रतीक था। बाद में 1971 में बांग्लादेश ने इसे अपना राष्ट्रगान बनाया। श्रीभूमि (पूर्व में करीमगंज) जिला बंगाली भाषी बहुल क्षेत्र है, जहां इस गीत को गाने से राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया।

क्यों बढ़ रहा है विवाद
भारत और बांग्लादेश के बीच हाल के महीनों में रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं। पिछले साल बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बाद शेख हसीना के दिल्ली आने और अल्पसंख्यकों पर बढ़ते अत्याचार ने दोनों देशों के संबंधों में खटास ला दी है। हाल ही में बांग्लादेश के अंतरिम सरकार प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने पाकिस्तान के जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन जनरल साहिर शमशाद मिर्जा से मुलाकात की और उन्हें ‘आर्ट ऑफ ट्रायम्फ: बांग्लादेश का नया सवेरा’ नामक किताब भेंट की।

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