राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की 121 सीटों पर नामांकन समाप्त होते ही राजनीतिक दलों में बगावत खुलकर सामने आ गई है. भाजपा, जदयू, राजद और कांग्रेस समेत सभी दलों में टिकट बंटवारे से नाराज नेताओं ने पार्टी लाइन छोड़ निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ताल ठोंक दी है.

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पहले चरण की 121 सीटों पर नामांकन की समय सीमा शुक्रवार को खत्म हो गयी, लेकिन राजनीतिक दलों में बगावती तेवर कम नहीं हो रहे. सभी दलों में ऐसे बगावती उम्मीदवार सामने आये हैं. भाजपा में दर्जन भर ऐसे नेता हैं, जिन्होंने टिकट कटने के बाद पार्टी के खिलाफ झंडा बुलंद कर दिया है. जदयू, कांग्रेस और राजद में भी ऐसी लंबी फेहरिस्त है. वाम दलों में सीटों की किल्लत है. इनकी शिकायत महागठबंधन के सबसे बड़े दल राजद से है, जिसने अपने पास सबसे अधिक सीटें रखी हैं.

जदयू में बागी हुए कई नेता, निर्दलीय ठोंका ताल

एनडीए में जदयू को 101 सीटें मिली हैं. उम्मीदवारों की सूची जारी होते ही कुछ नेताओं के बागी तेवर सामने आये हैं. ये वैसे नेता हैं, जिन्हें जदयू की उम्मीदवारी मिलने की उम्मीद थी, लेकिन सूची में नाम नहीं आया. अब ऐसे अधिकतर नेताओं ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है.

ऐसे नेताओं में पूर्व मंत्री और दिनारा से विधायक रहे जय कुमार सिंह, पूर्व मंत्री और जमालपुर से विधायक रहे शैलेश कुमार, गोपालपुर के विधायक रहे गोपाल मंडल, बरबीघा के विधायक रहे सुदर्शन कुमार, सिकटा के पूर्व विधायक खुर्शीद आलम व वरिष्ठ नेत्री आसमां परवीन प्रमुख हैं. इन सभी ने पार्टी नेतृत्व पर कई आरोप लगाये हैं.

आसमां परवीन पूर्व मंत्री इलियास हुसैन की बेटी हैं. उन्हें 2020 में जदयू ने महुआ से उम्मीदवार बनाया था. इस बार यह सीट लोजपा को चली गयी. इसी तरह जय कुमार सिंह की सीट दिनारा रोलोमो के कोटे में चली गयी है़ वहीं, शैलेश कुमार, गोपाल मंडल, सुदर्शन कुमार व खुर्शीद आलम का टिकट काट दिया गया है. इन सभी ने निर्दलीय लड़ने का एलान किया है. आसमां परवीन ने महुआ से नामांकन कर दिया है. गोपाल मंडल ने तो यहां तक कहा है कि यदि वह निर्दलीय चुनाव जीत जायेंगे, तो नीतीश कुमार की पार्टी जदयू का ही समर्थन करेंगे.

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