भारतीय घरेलू क्रिकेट में एक बार फिर खेल की ईमानदारी पर सवाल खड़े हो गए हैं। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025-26 के दौरान सामने आए एक गंभीर भ्रष्टाचार मामले में असम क्रिकेट एसोसिएशन ने कड़ा कदम उठाते हुए चार खिलाड़ियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इस फैसले से टूर्नामेंट की निष्पक्षता को लेकर गहरी चिंता जताई जा रही है।

गुवाहाटी क्राइम ब्रांच में दर्ज की गई FIR (Match Fixing) 
निलंबित किए गए खिलाड़ियों में ईशान अहमद, अमन त्रिपाठी, अमित सिन्हा और अभिषेक ठाकुर शामिल हैं। इन पर आरोप है कि उन्होंने असम टीम से जुड़े खिलाड़ियों को प्रभावित करने और उन्हें गलत गतिविधियों में शामिल करने की कोशिश की। मामले की गंभीरता को देखते हुए गुवाहाटी क्राइम ब्रांच में चारों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है।

BCCI की जांच के बाद हुआ पूरे मामले का खुलासा 
जानकारी के अनुसार, 26 नवंबर से 8 दिसंबर के बीच खेले गए मैचों के दौरान इन खिलाड़ियों की गतिविधियां संदिग्ध पाई गईं। जैसे ही यह मामला अधिकारियों के संज्ञान में आया, असम क्रिकेट एसोसिएशन ने बिना किसी देरी के अनुशासनात्मक कार्रवाई की। बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले का खुलासा बीसीसीआई की एंटी करप्शन एंड सिक्योरिटी यूनिट की जांच के बाद हुआ।

निलंबित खिलाड़ी नहीं खेल सकेंगे कोई भी मैच
असम क्रिकेट एसोसिएशन ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि इस तरह की गतिविधियां खेल की गरिमा और दर्शकों के भरोसे को नुकसान पहुंचाती हैं। इसी कारण चारों खिलाड़ियों को सस्पेंड किया गया है। निलंबन अवधि के दौरान ये खिलाड़ी असम क्रिकेट एसोसिएशन के तहत आयोजित किसी भी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सकेंगे।

फिलहाल मामले की जांच जारी है और आगे की कार्रवाई जांच के निष्कर्षों के आधार पर की जाएगी। इस घटना ने एक बार फिर घरेलू क्रिकेट में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त निगरानी और कठोर कदम उठाने की जरूरत को उजागर कर दिया है।

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