
त्रिवेणी संगम की पुण्य भूमि पर महाकुंभ 2025 के अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने श्रद्धा और आस्था के साथ स्नान कर सनातन संस्कृति की भव्यता को नमन किया। उन्होंने इसे भारत की शाश्वत परंपराओं और आध्यात्मिक ऊर्जा का अद्वितीय संगम बताया।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक शक्ति और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। यहाँ माँ गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी में स्नान करना मेरे लिए परम सौभाग्य की बात है।”
उन्होंने इस आयोजन को विश्व स्तरीय बताते हुए कहा कि महाकुंभ भारतीय जीवन दर्शन और सनातन परंपराओं की भव्यता को उजागर करने वाला अवसर है।
प्रदेश के मंत्रियों ने भी किया पवित्र स्नान
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों ने भी त्रिवेणी संगम में स्नान कर माँ गंगा का पूजन किया और राष्ट्र कल्याण की प्रार्थना की।
- राकेश सचान (खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री) ने कहा, “महाकुंभ भारतीय संस्कृति की अखंडता और शक्ति का प्रतीक है, जिसमें आस्था की अविरल धारा प्रवाहित होती है।”
- योगेंद्र उपाध्याय (उच्च शिक्षा मंत्री) ने इसे वसुधैव कुटुंबकम् का साकार रूप बताया।
- दयाशंकर सिंह (परिवहन राज्य मंत्री, स्वतंत्र प्रभार) ने कहा, “महाकुंभ 2025 न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है।”
महाकुंभ: आस्था, अध्यात्म और एकता का महासंगम
मंत्रियों ने कहा कि महाकुंभ केवल स्नान का अवसर नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति के मूल तत्वों को आत्मसात करने और भारतीय सभ्यता की महिमा को संपूर्ण विश्व में स्थापित करने का मंच है। यह आयोजन आध्यात्मिक शक्ति के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का संदेश भी देता है।