
राष्ट्रीय प्रस्तावना न्यूज़ नेटवर्क हरदोई : शासन के निर्देशानुसार हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 12 मार्च को “नो स्मोकिंग डे” के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार सहित जनपद के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, अर्बन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, 100 शैय्या संयुक्त चिकित्सालय, जिला पुरुष एवं महिला चिकित्सालय में व्यापक हस्ताक्षर अभियान चलाया गया और तंबाकू उत्पादों के उपयोग न करने की शपथ दिलाई गई।
इस अवसर पर उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेंद्र कुमार ने तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के उद्देश्यों और लक्ष्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है और इससे फेफड़ों के कैंसर, हृदय रोग और हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि हर साल स्तन कैंसर की तुलना में अधिक महिलाएं फेफड़ों के कैंसर से मृत्यु का शिकार होती हैं।
धूम्रपान से होने वाले गंभीर स्वास्थ्य जोखिम
- फेफड़ों का कैंसर और सांस की बीमारियां
- हृदय रोग और मधुमेह का खतरा
- अंधापन और दृष्टि संबंधी समस्याएं
- हड्डियों की कमजोरी और मसूड़ों की बीमारी
- पेट में अल्सर और अन्य पाचन तंत्र की समस्याएं
तंबाकू नियंत्रण कानून एवं दंड
डॉ. सुरेंद्र कुमार ने सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003 की धारा-4 के बारे में भी जानकारी दी, जिसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू सेवन दंडनीय अपराध है। इस नियम का उल्लंघन करने पर ₹200 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
इस कार्यक्रम में जिला सलाहकार (एनटीसीपी) डॉ. शिवम गुप्ता, एफएलसी नीरज गुप्ता, अर्बन हेल्थ कोऑर्डिनेटर हिमांशु सिंह और असित श्रीवास्तव सहित कई अधिकारी एवं स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे।